BY: MUKESH SHARMA
रायपुर : क्रोध से भ्रम पैदा होता है।भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है। जब बुद्धि व्यग्र होती है तब तर्क नष्ट हो जाता है। जब तक तर्क नष्ट होता है तब व्यक्ति का पतन हो जाता है। इसलिए किसी भी परिस्थिति में क्रोध से बचना चाहिए, यदि गुस्सा आये भी तो क्षण भर रुककर सोचना चाहिए,इसी प्रकार से अलग-अलग स्थिति में अलग ढंग से देखने का नजरिया भी होना चाहिए।जो ज्ञानी व्यक्ति है वह ज्ञान और कर्म को एक रुप में देखता है,उसी का नजरिया सही है।