BY: RAVI BHUTDA
बालोद: “कहते है कि जब कोई इंसान की अकारण मृत्यु होती है, खासतौर में जब वह शासकीय कर्मचारी या अधिकारी हो। तो कुछ समय पश्चात उसे उसका विभाग भूल जाता है। लेकिन गुरुर जनपद पंचायत ने एक ऐसी मिशाल पेश की है, जो आने वाले समय में उदाहरण के रूप याद की जाएगी। कुछ दिनों पहले गुरुर जनपद पंचायत में संविदा तकनीकी सहायक के रूप में पदस्थ ग्राम बरही निवासी मुरली मनोहर सिन्हा की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। गुरुर जनपद सीईओ राजेन्द्र पटौदी के अथक प्रयासों से मृतक मुरली मनोहर सिन्हा के नाम को एक पहचान मिली हैं। पहचान भी ऐसी की आने वाले समय में लोग इसे उदाहरण के रूप में याद किया करेंगे। ऐसी ही एक मिशाल गुरुर जनपद पंचायत के सीईओ श्री पटौदी ने पेश की हैं। ग्राम पंचायत अर्जुनी के आश्रित ग्राम चिरचारी में 15 एकड़ की बंजर पथरीली जमीन पर हरियाली की छटा बिखेरने विभिन्न प्रजातियों के फलदार व औषधीय 4 हजार पौधों का रोपण किया जा रहा हैं। फूड पार्क की स्थापना की जा रही हैं। जिसे नाम दिया गया है “मुरली मनोहर वाटिका”। चूंकि उक्त बंजर पथरीली जमीन को संवारने की जिम्मेदारी मृतक तकनीकी सहायक मुरली मनोहर सिन्हा के पास थी। इस फूड पार्क प्रोजेक्ट में मृतक का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। सड़क दुर्घटना में हुई तकनीकी सहायक की मौत के बाद जनपद पंचायत गुरुर के सीईओ राजेन्द्र पटौदी ने इस प्रोजेक्ट को पूरा करने खुद बीड़ा उठाया और उक्त प्रोजेक्ट में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले मृतक मुरली मनोहर सिन्हा का नाम उजागर करने और पहचान देने के उद्देश्य से 15 एकड़ बंजर पथरीली जमीन पर 4 हजार विभिन्न प्रकार के पौधरोपण कर मुरली मनोहर वाटिका (प्रकृति श्रृंगार) के नाम से स्थापित कर दिया गया हैं। 15 एकड़ में किये गए पौधरोपण की देखरेख का जिम्मा 7 स्व सहायता समूह की 70 महिलाओं को दिया गया हैं। जो इस फूड पार्क की व्यवस्था और पौधों की देखरेख करेंगी। साथ ही फलदार व अन्य प्रकार के लगाए गए पौधों से जो इन्हें आया होगी उसका कुछ हिस्सा गौठान समिति को अंश दान करें। बता दे कि “मुरली मनोहर वाटिका” में सीताफल, मूंगा, नारियल, आम, संतरा, मौसंबी, अमरूद, कटहल, करौंदा, एपल बेर, चीकू, जामुन एवं वृद्ध मिश्रित फलदार एवं औषधीय पौधों का रोपण किया गया हैं। इन फूड पार्क में मृतक मुरली मनोहर सिन्हा के माता-पिता एवं अन्य परिवारजनों ने भी आम का पौधा लगाया हैं।