BY: एजेंसी
श्रीनगर: भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता में कई गुना इजाफा करने राफेल युद्धक विमान भारत पहुंच रहा है और इस खुशी में कश्मीर खुश है। इसकी समय पर डिलीवरी और भारतीय जरुरतों के अनुरूप तैयार करने में अहम भूमिका में कश्मीर के एयर कोमोडोर हिलाल अहमद राथर रहे। वायुसेना के सबसे अनुभवी और सर्वश्रेष्ठ फाइटर पायलटों में शुमार हिलाल दक्षिण कश्मीर में अनंतनाग के रहने वाले हैं। इस सूचना के बाहर आते ही अनंतनाग सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा और कश्मीर का जोश बढ़ गया।
उन्होंने लिखा, हम भी 100 फीसद सच्चे भारतीय हैं, न किसी से कम, न ज्यादा। हिलाल फ्रांस में भारत के एयर डिफेंस एटैची हैं। अनंतनाग के मध्यमवर्गीय परिवार में पैदा हुए हिलाल की प्राथमिक शिक्षा जिले में ही हुई। उसके बाद वह जम्मू के नगरोटा सैनिक स्कूल में आ गए। उनके पिता मोहम्मद अब्दुल्ला राथर जम्मू-कश्मीर पुलिस से डीएसपी पद से रिटायर हुए थे। उनका देहांत हो चुका है।
उन्होंने 17 दिसंबर 1988 को भारतीय वायुसेना में फाइटर पायलट के तौर पर कमीशन प्राप्त किया। उन्हें एनडीए की पासिंग आउट परेड में स्वॉर्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया। हिलाल दुनिया के लगभग हर हिस्से में युद्धक विमान उड़ा चुके हैं। मिराज-2000, मिग-21 जैसे युद्धक विमानों के अलावा किरन विमान उड़ा चुके हिलाल के नाम तीन हजार घंटों से भी ज्यादा बिना दुर्घटना के विमान उड़ाने का रिकार्ड है। उन्हें उल्लेखनीय सेवाओं के लिए 2010 में वायुसेना मेडल और 2016 में विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया गया।
एयर कोमोडर हिलाल के कश्मीर कनेक्शन का खुलासा होने के साथ ही कश्मीरियों में भी खुशी की लहर दौड़ गई। कश्मीरी फख्र कर रहे हैं कि राफेल में बैठने वाला पहला भारतीय उनके अनंतनाग का है। बेग सज्जाद डार ने अक्टूबर 2019 का राफेल की शस्त्र पूजा का वीडियो साझा किया है। उन्होंने लिखा, ‘प्यारे पाकिस्तान, इसे देखो। एक कश्मीरी एयर कोमोडोर एक सिख ग्रुप कैप्टन के साथ शस्त्रपूजा की तैयारी कर रहा है। अब खालिस्तान और कश्मीर पर रोते रहो।
हम भारतवासियों को परिभाषित करने के लिए तिरंगा ही काफी है। हम सभी एक हैं, तन-मन से भारतीय। एयर कोमोडोर हिलाल अहमद राथर कश्मीरी होने के कारण न किसी से कम और न किसी से ज्यादा भारतीय हैं। हमारे संविधान ने उन्हें दुनिया के सबसे बेहतरीन लड़ाकू विमान उड़ाने का पूरा मौका दिया है। यही भारत है, जय हिंद ।
उप्र के हरदोई के विंग कमांडर अभिषेक त्रिपाठी देश के लिए फ्रांस से राफेल लेकर आ रहे हैं। वैसे तो अभिषेक माता-पिता के साथ जयपुर में रहते हैं, लेकिन उनका पूरा खानदान हरदोई के संडीला कस्बे में ही रहता है। सोमवार की रात परिवार को यह खबर मिली कि फ्रांस से राफेल लेकर आ रही टीम में अभिषेक भी हैं तो सब खुशी से झूम उठे।
झारखंड के कोडरमा के रोहित फ्रांस से अत्याधुनिक लड़ाकू विमान राफेल लेकर भारत आ रहे हैं। कोडरमा स्थित सैनिक स्कूल तिलैया के अधिकारियों, शिक्षकों, छात्रों और पूर्व छात्रों में हर्ष का माहौल है। सैनिक स्कूल के कैडेटों का सपना भारतीय सेना का अधिकारी बनने का होता है। कैडेटों को इसी के लिए तैयार भी किया जाता है। रोहित की उपलब्धि ने इन कैडेटों को रोमांचित कर दिया है और उनके सपनों को भी पंख लगने लगे हैं।
वायुसेना के लिए फ्रांस से राफेल को लाने में बिहार की मिट्टी से जुड़े मनीष कुमार की भी प्रमुख भूमिका है। विमान लेकर भारत आने वाले 16 विशेष प्रशिक्षित पायलटों की टीम में वे शामिल हैं। गड़खा के जीगना गांव में मनीष की ननिहाल है, वे यहीं जन्मे हैं। उनके पिता यूपी के बलिया जिले के बांसडीह के निवासी हैं। उनके पिता मदन भी भारतीय सेना के जवान थे। मनीष की पोस्टिंग गोरखपुर में है।