By: सुनील यादव
गरियाबंद : राज्य सरकार ने विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के उद्देश्य से सूबे में खासे तादात में शिक्षकों का नियोजन किया है। लेकिन उसके बावजूद भी शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला ग्राम कोदोपाली मे शिक्षा को टोटा लगा हुआ है। जिसमें कक्षा 6 वीं से 8 वीं तक नामित बच्चे की दर्ज संख्या 28 हैं और शासकीय प्राथमिक शाला में कक्षा 1से 5 वीं तक मे दर्ज संख्या 19 है । लेकिन इस स्कूल में स्थिति यह है कि बच्चों को पढ़ाने के लिए मात्र दो ही शिक्षक नियुक्त हैं।

जिसमे कक्षा पहली से पांचवी तक एक शिक्षक तथा कक्षा छठवीं से आठवीं तक एक प्रधान पाठक द्वारा बच्चों को पढ़ाई कि शिक्षा दे रहे हैं ।
प्रधान पाठक ने बताया कि यहां शिक्षण कार्य की पूरी जिम्मेदारी एक शिक्षक के कंधे पर आ जाती है वर्तमान समय में उनके अलावा एक सहायक शिक्षक के रूप में देव कुमार साहू हैं जो लिटीपारा
के समन्वयक भी हैं जिनके कारण उन्हे ज्यादातर बाहर रहना पड़ता है ।

प्रधान पाठक ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि ऐसा नहीं है कि मैंने शिक्षक बढ़ाने के लिए उच्च अधिकारियों तक गुहार ना लगाया हो कई बार मैंने वरिष्ठ अधिकारियों के बीच शिक्षकों के अभाव के चलते बच्चों को पढ़ाई में होने वाली बाधाओं के बारे में अवगत कराया है किंतु स्कूल प्रशासन शिक्षक कि पूर्ति नहीं कर रहा है। बच्चों ने भी बताया कि कैसे उन्हे गणित और संस्कृत के विषय पर पढ़ाई मे बाधाए हो रही है ।
गरियाबंद मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर इस वनांचल क्षेत्र मे बच्चों कि पढ़ाई को लेकर असुविधाओं में केवल शिक्षक का अभाव ही नहीं है बल्कि शाला भवन का भी अभाव है । देखा गया कि स्कूल में पहली से पांचवी तक पढ़ाई करने वाले बच्चों को एक ही कमरे में बिठाकर पढ़ाया जा रहा है, क्योंकि यहां कमरों का अभाव है । प्रधान पाठक व वहां पढ़ रहे बच्चों ने बताया कि पहले यहां अलग अलग कक्षाएं संचालित किया जाता था । लेकिन पुराने स्कूल कि जर्जर हालत को देखते हुए उसे तोड़ दिया गया है जिसके बाद अब तक नवीन शाला भवन का निर्माण नहीं किया गया है, जिसके चलते ये बच्चे एक छोटे से कमरे में अव्यवस्थाओं के बीच बैठकर पढ़ाई करने में मजबूर हैं । बच्चों कि शिक्षा नियोजन को लेकर जहां एक ओर राज्य सरकार दम भर रही है, तो वहीं दूसरी ओर प्रशासन बच्चों कि पढ़ाई में होने वाली असुविधाओं से भी पूरी तरह बेखबर है । ऐसे में अब क्या प्रशासन इन बच्चों कि मांग को पूरा करेगी, क्या इन्हे शिक्षक व शाला भवन मुहैय्या कराई जावेगी या स्कूल प्रशासन ऐसे ही हवा हवाई मे ढोल पिटते रहेंगे यह देखना बाकी है ।