श्योपुर: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क के बड़े बाड़े में छोड़े गए दो चीतों ने 48 घंटे के अंदर ही अपना पहला शिकार कर लिया है। डीएफओ प्रकाश कुमार वर्मा ने इसकी जानकारी दी कि चीतों ने एक हिरण का शिकार किया है, दोनों चीते सगे भाई हैं। शिकार करने पहली तस्वीर सीसीटीवी कैमरे में दिखाई दी है। शनिवार को दो चीतों को बड़े बाड़े में छोड़ा गया था, इस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर इनका वीडियो शेयर किया था। अभी 6 चीते छोटे बाड़े में ही हैं, जिन्हें जल्द ही दूसरे बड़े बाड़ों में छोड़ा जा सकता है। चीतों द्वारा कूनो नेशनल पार्क में अपना पहला शिकार किए जाने से यह माना जा रहा है कि उन्हें यह स्थान रास आ गया है।
नामीबिया से कूनो नेशनल पार्क लाए गए चीतों को पहले 1500 वर्ग मीटर क्वारंटाइन बाड़े में रखा गया। इस दौरान उन्हें वहीं मांस दिया गया। चीतों को बड़े बाड़े में छोड़े जाने से पहले विशेषज्ञों ने इसका निरीक्षण किया था। बड़े बाड़े में हिरण और चीतल जैसे जानवर मौजूद हैं। कूनो प्रबंधन ने दो नर चीतों को बड़े बाड़े में छोड़ दिया था। कूनो में पार्क में चीतों के लिए बनाए गए बड़े बड़े में जब इन चीतों को छोड़ा गया वह पहले तो डरे सहमे से दिखाई दिए क्योंकि एक लंबी अवधि के बाद उन्हें बड़े मैदान में जाने का मौका मिला था। लेकिन थोड़ी देर बाद ही दोनों नर चीते जैसे ही बड़े-बाड़े में गए तो वे वहां उछलकूद करते नजर आए। विभागीय अधिकारियों के अनुसार चरणबद्ध तरीके से बाकी चीतों को भी जल्द छोड़ा जाएगा।
नामीबिया से लाकर मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क में छोड़े गए 8 चीतों को यहां का वातावरण पूरी तरह से रास आ गया है। यहां लाए गए सभी चीते पूरी तरह से स्वस्थ नजर आ रहे है। ओर वे अब यहां की आबोहवा में ढल गए है। उन्होंनेशिकार भी कर लिया उनकी रफ्तार बता रही थी कि, वह लंबे समय से बंदिशों से आजाद होने का इंतजार कर रहे थे। वन विभाग के अधिकारी बड़े बाड़े में छोड़े गए चीतो की उनके गले में पहनाए गए कालर आईडी से मानीटरिंग कर रहे। कालर आईडी से चीतों की लोकेशन सैटेलाइट के माध्यम से उन पर नजर रख रहे हैं।
लगभग डेढ़ माह तक छोटे बाड़े में क्वारंटाइन रहने के बाद शनिवार को बड़े बाड़े में छोड़े गए दो नर चीतों ने सोमवार अलसुबह चीतल मारकर खाया है। चीतों ने उसे दो घंटे के भीतर ही चाव से उसे खत्म कर दिया।
कूनो में आपस में भाई दो नर चीतों को शनिवार शाम शिकार कर भोजन करने और वन्य जीव माहौल में ढलने के लिए बड़े बाड़े में छोड़ा गया था। 24 घंटे बाद भी उन्होने कोई शिकार करने में सफलता हासिल नहीं की थी, जबकि विशेषज्ञों का अनुमन था किलगभग डेढ़ माह तक बंद छोटे बाड़े में मांस खा रहे चीते अपनी शैली के अनुसार शिकार कर भोजन करने के लिए आतुर दिखेंगे। सोमवार सुबह विशेषज्ञों ने राहत की सांस ली, जब चीतों के एक चीतल के शिकार कर मांस खाने की जानकारी मिली। कूनो डीएफओ पीके वर्मा ने बताया कि सीसीटीवी कैमरों में रात में शिकार करने की हलचल दिखाई दी थी, जिसके बाद निगरानी दल सुबह पांच बजे उसी जगह पहुंचा था, जहां चीतल के अवशेष मिले। यह चीतों यहां के माहौल में ढलने को लेकर बड़ी खुशखबरी है। विशेषज्ञ सीसीटीवी कैमरों के साथ ही ड्रोन कैमरे के जरिए चीतों की निगरानी कर रहे हैं। जिसमें पाया गया कि दोनों चीतों ने बाड़े में खूब उछल कूद कर रहे हैं। चीता टास्क फोर्स के सदस्य एनटीसीए (राष्टीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण) के आइजी अमित मलिक, मुख्य वन्य जीव संरक्षक जेएस चौहान, वन बल प्रमुख आर के गुप्ता, चीता प्रोजेक्ट से जुड़े वैज्ञानिक वायवी झाला चीतों की अभी तक की गतिविधियों से संतुष्ट होकर लौट गए हैं। शेष छह चीतों को कूनो नेशनल पार्क में बनाए गए 1500 वर्ग मीटर के छोटे बाड़े में ही रखा गया है। चीता टास्क फोर्स के सदस्य ही इन्हें बड़े बाड़े में छोड़ने को लेकर जल्द निर्णय लेंगे। बताया जाता है किछोड़े गए दो चीतों को लेकर वन मंत्री विजय शाह की नाराजगी के के चलते अभी इन्हें बड़े बाड़े में छोड़ने का निर्णय नहीं लिया जा सका है।