BY: विवेक रंजन श्रीवास्तव
नई दिल्ली: देश के सुपरिचित व्यंग्यकारों के समूह व्यंग्यधारा एवं उसके यूट्यूब चैनल पर नामचीन व्यंग्यकार स्व. हरिशंकर परसाई की स्मृति में उनकी लोकप्रिय व्यंग्य रचनाओं का तेरह दिवसीय पुनर्पाठ कार्यक्रम का समापन शनिवार को उनके जन्मदिवस पर हो गया | देश के लब्ध प्रतिष्ठ व्यंग्यकार पद्मश्री ज्ञान चतुर्वेदी ने परसाई की लोकप्रिय व्यंग्य रचना ‘भारत को चाहिए जादूगर और साधू’, का अपनी आवाज़ में पाठ कर इस श्रृंखला का समापन किया. गौरतलब है कि परसाई का जन्म 22 अगस्त और मृत्यु 10 अगस्त को हुई थी .
व्यंग्यधारा समूह के संरक्षक जबलपुर के सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार, आलोचक रमेश सैनी ने बताया कि समूह के यूट्यूब चैनल पर प्रसारित होने वाली व्यंग्य श्रृंखला में देश के विभिन्न राज्यों के 16 व्यंग्यकारों ने परसाई की चुनिन्दा रचनाओं का पुनर्पाठ किया | वैसे तो देश में व्यंग्य विधा की सुदीर्घ परम्परा रही है तथापि व्यंग्य को हरिशंकर परसाई के समय सहित्य की एक प्रमुख विधा के रूप में मान्यता मिली | परसाई ने सामाजिक, राजनीतिक विसंगतियों, विद्रूपताओं, भ्रष्टाचार सहित अनेक विषयों पर जमकर कटाक्ष किये | उनकी व्यंग्य रचनाओं के प्रति पाठकों की अभिरुचि तब से लेकर आज तक बनी हुई है | हिंदी साहित्य में व्यंग्य विधा को लोकप्रिय बनाने में हरिशंकर परसाई का अतुलनीय योगदान रहा है | इस कार्यक्रम की परिकल्पना प्रो. रमेश तिवारी दिल्ली की थी व वीडियो निर्माण और यूट्यूब चैनल पर प्रसारण का दायित्व नवीन जैन द्वारा निर्वहन किया गया |
सैनी ने बताया कि ज्ञान चतुर्वेदी सहित मध्यप्रदेश (9), राजस्थान (2), उत्तरप्रदेश (2), छत्तीसगढ (2) तथा महाराष्ट्र (1) के 16 व्यंग्यकारों ने विगत 10 से 22 अगस्त तक परसाई के व्यंग्यों का पुनर्पाठ किया | मध्यप्रदेश के जिन व्यंग्यकारों द्वारा इस आयोजन में भाग लिया गया उनमें प्रमुख हैं – अरुण अर्णव खरे, प्रमोद ताम्बट, अनुपमा अनुश्री (सभी भोपाल), रमेश सैनी, कुंदन सिंह परिहार, राकेश सोहम, विवेकरंजन श्रीवास्तव (सभी जबलपुर) व नवीन जैन (बड़ा मलहरा) | इनके अतिरिक्त प्रभात गोस्वामी (जयपुर), संजय पुरोहित (बीकानेर), स्नेहलता पाठक, राजशेखर चौबे (रायपुर), राजेंद्र वर्मा, बल्देव त्रिपाठी (लखनऊ) व अलका अग्रवाल (मुंबई) ने हरिशंकर परसाई की व्यंग्य रचनाओं को आवाज़ देकर इस मूर्धन्य व्यंग्यकार को अपनी विनम्र आदरांजलि अर्पित की | व्यंग्य पुनर्पाठ की सम्पूर्ण कड़ियाँ व्यंग्यधारा के फेसबुक पेज और यूट्यूब चैनल पर उपलब्ध है .
व्यंग्यधारा समूह व्यंग्य विधा के उन्नयन के लिए प्रतिबद्ध है | समूह द्वारा हर रविवार गूगल मीट के माध्यम से व्यंग्य गोष्ठी का आयोजन करता है जिसमें देश के सुपरिचित व्यंग्य लेखक व्यंग्य पाठ करते हैं और उन पर विमर्श किया जाता है | इस मंच पर सुपरिचित व्यंग्यकारों के साथ युवा लेखकों को भी अवसर दिया जाता है |