BY: एजेंसी
नई दिल्ली: कांग्रेस में मचे अंदरूनी घमासान के बीच जहां एक तरफ गुलाम नबी आजाद का कहना है कि जल्द चुनाव नहीं कराए गए तो पचासों सालों तक कांग्रेस सत्ता को भूल जाए, वहीं पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष को चुनने के लिए चुनाव कराने की कोई जल्दी नहीं है। उन्होंने कहा कि बिना चुनाव के कोई आसमान नहीं टूट रहा है, जब हालात ठीक हो जाएं तब चुनाव हो सकते हैं।
खुर्शीद ने आगे कहा कि कांग्रेस प्रमुख के पद पर लंबे समय तक रहने वाली सोनिया गांधी नेतृत्व के मुद्दे को सुलझाने के लिए आगे का रास्ता तय करने के बारे में फैसला करने को लेकर सबसे अच्छी स्थिति में हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर पार्टी नेतृत्व में बदलाव के लिए लेटर लिखने वाले नेता उनके पास आते, तो भी वह उस लेटर पर साइन नहीं करते। गुलाम नबी आजाद समेत पत्र लिखने वाले नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए खुर्शीद ने कहा कि जिन नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखा था, वे हमेशा उनसे मिल सकते थे। ऐसे में वे लेटर लिखने के बजाए उनसे मिलकर अपनी दिक्कतें उनके सामने रख सकते थे।
गुलाम नबी आजाद को लेकर पूछे गए सवाल पर खुर्शीद ने कहा, ‘आजाद वर्षों तक कांग्रेस के शीर्ष नेताओं में रहे हैं। वह भी तब अध्यक्ष पद के लिए कोई चुनाव नहीं हुए और पार्टी इसके बावजूद आगे बढ़ती रही।’ कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर चुनाव से जुड़े सवाल पर खुर्शीद ने कहा कि सोनिया गांधी कह भी चुकी हैं कि सही समय आने पर ऐसा किया जाएगा। खुर्शीद ने कहा कि पार्टी में कोई पार्ट टाइम अध्यक्ष नहीं है। अध्यक्ष फुल टाइम ही है लेकिन अंतरिम है। खुर्शीद ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष कोई साधारण व्यक्ति नहीं है बल्कि ऐसा व्यक्ति है, जिसने पार्टी की सबसे ज्यादा सेवा की है। इसलिए हमें उन पर भरोसा करना चाहिए और उन्हें जो सही लगे, लह फैसला लेने देना चाहिए।
आपको बता दें कि हाल ही में गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, शशि थरूर और जितिन प्रसाद जैसे वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर अन्य संगठनात्मक परिवर्तनों के बीच एक सक्रिय और पूर्णकालिक पार्टी नेतृत्व की तलाश करने की बात कही थी। लेटर लीक हुआ तो कांग्रेस में बवाल मच गया। कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने तत्काल एक बैठक बुलाई। 7 घंटे तक चली बैठक में कांग्रेस नेताओं को अनुशासन एवं गरिमा बनाए रखने के साथ अपनी बातों को पार्टी के मंच पर रखने की नसीहत दी गई। साथ ही सीडब्ल्यूसी ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को पार्टी को कमजोर करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।