Saturday, April 1, 2023
Ghumti Dunia
  • होम
  • छत्तीसगढ़
  • देश-विदेश
  • राजनीति
  • सम्पादकीय
  • खेल
  • व्यापार
  • मनोरंजन
  • स्वास्थ्य
  • होम
  • छत्तीसगढ़
  • देश-विदेश
  • राजनीति
  • सम्पादकीय
  • खेल
  • व्यापार
  • मनोरंजन
  • स्वास्थ्य
No Result
View All Result
No Result
View All Result
Home मुख्य समाचार

वैज्ञानिकों को शुक्र ग्रह पर मिले जीवन के संकेत!

Niharika Shrivastava by Niharika Shrivastava
September 15, 2020
in मुख्य समाचार
वैज्ञानिकों को शुक्र ग्रह पर मिले जीवन के संकेत!
Share on WhatsappShare on Facebook

BY: एजेंसी

पृथ्वी के अलावा किसी और ग्रह पर जीवन है या नहीं, इस प्रश्न का जवाब सदियों से खोजा जा रहा है। इसी कड़ी में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि शुक्र ग्रह के वायुमंडल में फॉस्फीन गैस मिली है। यह एक जैविक प्रक्रिया या बायोलॉजिकल प्रोसेस से पैदा होती है। इस खोज से ब्रह्मांड में एलियन होने की संभावना फिर जाग गई है। नासा प्रमुख ने इस खोज को पृथ्वी से इतर जीवन की तलाश में ‘अब तक की सबसे महत्वपूर्ण खोज’ करार दिया है। हमने पांच प्रश्नों के जरिए बताया है कि इस खोज को लेकर आपको उत्साहित क्यों होना चाहिए और आगे क्या होगा?

खबरें और भी

रामनवमीं में हिंदू भाइयों द्वारा निकाली गई शोभायात्रा पर भाईचारा व एकता का परिचय देते हुए मुस्लिम समाज ने किया इस्तकबाल

रामनवमी के अवसर पर विवेकरंजन श्रीवास्तव ने किया पुस्तक मित्र लाइब्रेरी का शुभारंभ

वन मंत्री ने 118 परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत स्वीकृति पत्र किया वितरण

नेचर एस्ट्रोनॉमी में प्रकाशित खोज में रिसर्चर्स ने दावा किया है कि शुक्र ग्रह के वायुमंडल में एसिडिक बादलों में फॉस्फीन नाम की गैस मिली है। पृथ्वी पर फॉस्फीन ऐसे माइक्रोब्स से बनी होती है, जो बिना ऑक्सीजन के जीवित रह सकते हैं। यह औद्योगिक प्रक्रियाओं में जन्म लेने वाली गैस है।
हवाई में जेम्स क्लर्क मैक्सवेल टेलीस्कोप के डिप्टी डायरेक्टर जेसिका डेम्पसी ने इस गैस को खोज निकाला है। उन्होंने बताया, “यह गैस आपको स्वैम्प्स और डिकम्पोज होने वाली वस्तुओं पर मिलती है। माइक्रोब्स जैसी एनारोबिक लाइफ हमारी हवा से निकलकर बादलों पर जम जाती है।’
फॉस्फीन गुरु और शनि ग्रहों के वायु मंडलों में भी पाई जाती है। लेकिन, वहां इनके होने का कारण कुछ केमिकल प्रक्रियाएं हैं। यह प्रक्रियाएं न तो पृथ्वी पर संभव है और न ही शुक्र ग्रह पर। इसी वजह से वैज्ञानिकों को लग रहा है कि यह जीवन का संकेत हो सकती है।

इसके दो मतलब है- 1. जीवित माइक्रोब्स हो सकते हैं। लेकिन यह शुक्र ग्रह पर नहीं बल्कि उसके बादलों में हैं। हम जानते हैं कि शुक्र की सतह किसी भी जीवन के लिए अनुकूल नहीं है। यह गैस जिन बादलों में मिली है वहां तापमान 30 डिग्री सेल्सियस था। 2. यह माइक्रोब्स उन जियोलॉजिकल या केमिकल प्रक्रियाओं की वजह से बन सकते हैं, जो हमें पृथ्वी पर नहीं दिखती और हम उसे नहीं समझ सकते।
डॉ. डेम्पसी का कहना है कि हम यह 100% दावा नहीं कर सकते कि हमने वहां जीवन खोज लिया है। लेकिन यह भी नहीं कह सकते कि वहां जीवन नहीं है। यह संभावना जगाने वाली खोज है। हमें जो फॉस्फीन गैस मिली है, उसके वहां होने के कारण अब तक हमें पता नहीं है।
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, रीवरसाइड, के प्लेनरी साइंटिस्ट स्टीफन केन कहते हैं कि हमने पृथ्वी पर बायोलॉजिकल प्रक्रियाओं से फॉस्फीन को बनते नहीं देखा है। जियोलॉजिकल कारण भी हमें नहीं पता है। लेकिन यह भी नहीं कह सकते कि ऐसा हर जगह होता है।

इस समय कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। यदि जीवन शुक्र पर नहीं मिलता है तो फॉस्फीन गैस के वहां होने का बिल्कुल ही अलग कारण होगा। पृथ्वी जैसा तो कतई नहीं। हालांकि, जो माइक्रोब्स वहां मिले हैं, वह पृथ्वी पर भी चरम परिस्थितियों में होते हैं- जैसे जियोथर्मल पूल्स पर। वे पांच प्रतिशत एसिड वाले पर्यावरण में जीवित रह सकते हैं।
तुलनात्मक रूप से शुक्र ग्रह के बादल 90 प्रतिशत एसिडिक होते हैं। इंटरनेशनल रिसर्च टीम का नेतृत्व करने वाले प्रोफेसर जीन ग्रीव्स ने कहा कि वहां कोई जीवन अस्तित्व में है तो उस पर प्रयोग करने का कोई आसान तरीका नहीं है।

नासा के बॉस जिम ब्राइडस्टीन ने इस खोज को पृथ्वी से ईतर जिंदगी की तलाश में अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया है। नतीजों की अब तक पुष्टि नहीं हुई है। फॉस्फीन के शुक्र के वायुमंडल में पाए जाने और इससे जीवन होने के संकेत का दावा करना बेहद उलझा हुआ मामला है। यदि यह जीवन के लक्षण हैं तो इसके आसपास जीवन का अस्तित्व बताने वाले अन्य केमिकल्स के संकेत भी मिलने चाहिए।
वैज्ञानिक यह कैसे पता लगाएंगे कि यह वाकई में जीवन है या कुछ और?

प्रोफेसर ग्रीव्स का कहना है कि अब तक जो नतीजे मिले हैं, उसके आधार पर कोई दावा नहीं कर सकता। इसके लिए हमें स्पेसक्राफ्ट भेजना होगा। सैम्पल जुटाने होंगे। तब ही पता चल सकेगा कि वहां जीवन किसी भी स्वरूप में मौजूद है या नहीं। नासा ने अगले दशक में शुक्र ग्रह पर भेजने के लिए दो डिस्कवरी मिशन और एक फ्लैगशिप मिशन के प्रस्तावों को हरी झंडी दे दी है। फ्लैगशिप मिशन में एक ऑर्बिटर का इस्तेमाल करते हुए शुक्र पर खोज की जाएगी। यह ऑर्बिटर एक टेफ्लोन-कोटेड गुब्बारा, ग्लाइडर और लैंडर होगा। दोनों ही मिशन में फॉस्फीन के साथ-साथ फॉस्फोरस एसिड की भी तलाश की जाएगी जिससे यह पता चलेगा कि गैस नॉन-बायोलॉजिकल प्रोसेस से पैदा हुई है।

Previous Post

कविता : तिब्बत को नई क्रांति चाहिये

Next Post

आबकारी विभाग के उड़नदस्ता द्वारा 20 होटल-ढाबों की आकस्मिक जांच

Niharika Shrivastava

Niharika Shrivastava

Related Posts

रामनवमीं में हिंदू भाइयों द्वारा निकाली गई शोभायात्रा पर भाईचारा व एकता का परिचय देते हुए मुस्लिम समाज ने किया इस्तकबाल
छत्तीसगढ़

रामनवमीं में हिंदू भाइयों द्वारा निकाली गई शोभायात्रा पर भाईचारा व एकता का परिचय देते हुए मुस्लिम समाज ने किया इस्तकबाल

by Niharika Shrivastava
March 31, 2023
रामनवमी के अवसर पर विवेकरंजन श्रीवास्तव ने किया पुस्तक मित्र लाइब्रेरी का शुभारंभ
देश-विदेश

रामनवमी के अवसर पर विवेकरंजन श्रीवास्तव ने किया पुस्तक मित्र लाइब्रेरी का शुभारंभ

by Niharika Shrivastava
March 30, 2023
वन मंत्री ने 118 परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत स्वीकृति पत्र किया वितरण
छत्तीसगढ़

वन मंत्री ने 118 परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत स्वीकृति पत्र किया वितरण

by Niharika Shrivastava
March 29, 2023
मुख्यमंत्री मितान योजना: मितान ने 67 हजार लोगों के घर पहुंचाए शासकीय दस्तावेज
छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री मितान योजना: मितान ने 67 हजार लोगों के घर पहुंचाए शासकीय दस्तावेज

by Niharika Shrivastava
March 29, 2023
पत्रकार सुरक्षा कानून विधेयक पास होने पर पत्रकारों ने सीएम भूपेश का जताया आभार…
छत्तीसगढ़

पत्रकार सुरक्षा कानून विधेयक पास होने पर पत्रकारों ने सीएम भूपेश का जताया आभार…

by Niharika Shrivastava
March 24, 2023
Next Post
आबकारी विभाग के उड़नदस्ता द्वारा  20 होटल-ढाबों की आकस्मिक जांच

आबकारी विभाग के उड़नदस्ता द्वारा 20 होटल-ढाबों की आकस्मिक जांच

कोरोना की रिपोर्ट पाजिटिव होने के बाद मरीजों के पास अनेक विकल्प

कोरोना की रिपोर्ट पाजिटिव होने के बाद मरीजों के पास अनेक विकल्प

16 से कक्षा 10वीं और 12वीं की दो-दो विषयों की ऑनलाइन कक्षाएं शुरू

16 से कक्षा 10वीं और 12वीं की दो-दो विषयों की ऑनलाइन कक्षाएं शुरू

संपर्क

Ghumti Dunia

Editor - Sunil Yadav

Mob No. - 8962721985

ये भी पढ़ें

भारत में लॉन्च हुई पावरफुल एडवेंचर बाइक, दुनिया की पहली मोटरसाइकिल जिसमें मिलता है फ्रंट और रियर रडार सिस्टम

भारत में लॉन्च हुई पावरफुल एडवेंचर बाइक, दुनिया की पहली मोटरसाइकिल जिसमें मिलता है फ्रंट और रियर रडार सिस्टम

July 22, 2021
109 रुपए वाला सस्ता प्लान Vi ने किया लॉन्च

109 रुपए वाला सस्ता प्लान Vi ने किया लॉन्च

April 25, 2021

कैटेगरी

खबरें और भी

रामनवमीं में हिंदू भाइयों द्वारा निकाली गई शोभायात्रा पर भाईचारा व एकता का परिचय देते हुए मुस्लिम समाज ने किया इस्तकबाल
छत्तीसगढ़

रामनवमीं में हिंदू भाइयों द्वारा निकाली गई शोभायात्रा पर भाईचारा व एकता का परिचय देते हुए मुस्लिम समाज ने किया इस्तकबाल

March 31, 2023
रामनवमी के अवसर पर विवेकरंजन श्रीवास्तव ने किया पुस्तक मित्र लाइब्रेरी का शुभारंभ
देश-विदेश

रामनवमी के अवसर पर विवेकरंजन श्रीवास्तव ने किया पुस्तक मित्र लाइब्रेरी का शुभारंभ

March 30, 2023
वन मंत्री ने 118 परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत स्वीकृति पत्र किया वितरण
छत्तीसगढ़

वन मंत्री ने 118 परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत स्वीकृति पत्र किया वितरण

March 29, 2023
प्रदेश में महिला स्वरोजगार और सुपोषण को बढ़ावा देने एक और मिलेट कैफे का संचालन शुरू
छत्तीसगढ़

प्रदेश में महिला स्वरोजगार और सुपोषण को बढ़ावा देने एक और मिलेट कैफे का संचालन शुरू

March 29, 2023
मुख्यमंत्री मितान योजना: मितान ने 67 हजार लोगों के घर पहुंचाए शासकीय दस्तावेज
छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री मितान योजना: मितान ने 67 हजार लोगों के घर पहुंचाए शासकीय दस्तावेज

March 29, 2023
जनसेवक आफताब आलम ने उत्तरप्रदेश के एडीजीपी प्रकाश डी से देशहित व जनहित के विषयों को लेकर की मुलाकात…
छत्तीसगढ़

जनसेवक आफताब आलम ने उत्तरप्रदेश के एडीजीपी प्रकाश डी से देशहित व जनहित के विषयों को लेकर की मुलाकात…

March 26, 2023

© 2020 Ghumti Dunia

No Result
View All Result
  • होम
  • छत्तीसगढ़
  • देश-विदेश
  • राजनीति
  • सम्पादकीय
  • खेल
  • व्यापार
  • मनोरंजन
  • स्वास्थ्य

© 2020 Ghumti Dunia