BY: एजेंसी
- सरकार ने दिया ऑफर, सांसद माफी मांग लें तो बहाली के बारे में सोचेंगे
नई दिल्ली: राज्यसभा सांसदों के निलंबन के मामले ने विपक्ष को मौका दे दिया है। पहले से कोरोना वायरस, अर्थव्यवस्था और कृषि बिलों को लेकर घिरी सरकार के लिए यह एक और चुनौती है। विपक्ष ने संसद के बहिष्कार की बात कही है। दूसरी तरफ, सरकार ने कहा है कि अगर निलंबित सांसद अपने व्यवहार के लिए माफी मांग लें तो उनकी बहाली पर विचार हो सकता है। मंगलवार को सदस्यों का निलंबन वापस लेने की मांग करते हुए राज्यसभा में कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने वॉकआउट किया, जिसके बाद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यह बात कही।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हम निलंबन वापस लेने पर तभी विचार करेंगे जब निलंबित सदस्य राज्यसभा में अपने व्यवहार के लिए क्षमा मांग लेंगे। हमें आशा थी कि कांग्रेस की ओर से विपक्षी सदस्यों के ऐसे आचरण का विरोध होगा।” उन्होंने कहा कि ये कैसी राजनीति है कि एक ट्वीट विदेश से आता है और सांसद ऐसे व्यवहार करने लगते हैं। प्रसाद का इशारा राहुल गांधी के ट्वीट की ओर था। वे अभी अपनी मां सोनिया गांधी के साथ उनके मेडिकल चेकअप के लिए विदेश गए हैं। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि रविवार को सरकार के पास कृषि बिल पास कराने के लिए स्पष्ट बहुमत थ
मौजूदा मॉनसून सत्र में राज्यसभा की कार्यवाही का बहिष्कार करने का फैसला होने के बाद निलंबित सांसदों ने अपना धरना खत्म कर दिया। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और निलंबित सांसदों में एक राजीव सातव ने कहा, ‘‘विपक्ष इस सत्र में उच्च सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करेगा। ऐसे में हमने धरना खत्म कर दिया है। अब हम सड़क पर आंदोलन करेंगे।’’