भोपाल, (अरुण पटेल)। प्रदेश में होने वाले विधानसभा के 24 उपचुनावों को लेकर दलित मतदाताओं के बीच खासकर ग्वालियर चंबल संभाग में फिर से भाजपा का जनाधार बढ़ाने के उद्देश्य से प्रदेश के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा ने फूल सिंह बरैया को सीधा और सज्जन निरूपित करते हुए कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि वह छल कपट पर उतारू है। इन क्षेत्रों में दलित मतदाताओं की बड़ी संख्या को देखते हुए भाजपा ने कांग्रेस की घेराबंदी तेज कर दी है लेकिन 16 क्षेत्रों में फूल सिंह बरैया कांग्रेस का दलित चेहरा हो सकते हैं।
राज्य सभा के चुनावों में फूल सिंह बरैया को कांग्रेस ने द्वितीय वरीयता का उम्मीदवार बनाया था और उसको लेकर ही चुनाव के पूर्व भाजपा ने दलित राजनीति के चलते इस मामले को उठाते हुए उन्हें प्रथम वरीयता का उम्मीदवार बनाने की बात कही थी तथा इस मुद्दे पर भाजपा फिर से घेराबंदी करने का प्रयास कर रही है, लेकिन गुना जिले के अनुसूचित जाति के भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री गोपीलाल जाटव ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के स्थान पर क्रॉस वोटिंग कर दिग्विजय सिंह को मत दिया था। दूसरे विधायक जुगल किशोर बागरी भी इसी समुदाय के हैं जिनका बोट निरस्त हो गया था।
भाजपा ऊपर से भले ही सामान्य दिखने की कोशिश कर रही हो लेकिन अंदर ही अंदर वह इस बात को लेकर गंभीर है। भाजपा के प्रदेश संगठन ने जाटव को तलब किया और उन्होंने प्रदेश महामंत्री संगठन सुहास भगत को अपनी सफाई भी दी। भाजपा इस मामले को स्वाभाविक मान कर नहीं चलना चाहती लेकिन उसकी मजबूरी है कि विधानसभा के संभावित उपचुनाव के मद्देनजर और भाजपा के मौजूदा संख्या बल को देखते हुए वह जाटव पर कोई कार्रवाई भी नहीं कर सकती क्योंकि इससे दलित मतदाताओं में गलत संदेश जा सकता है और दूसरे यदि कार्रवाई हो तो कहीं कुछ और विधायक असंतुष्ट ना हो जाएं इसलिए बीच का रास्ता निकाला जा रहा है। इस बात की संभावना बहुत कम है कि गोपीलाल पर कोई कार्रवाई हो।
इस घटनाक्रम ने पार्टी को सोचने को विवश कर दिया है कि राज्यसभा चुनाव के पूर्व मंडल में दिए जाने वाले जो नाम लगभग तय हो गए थे उन पर पुनर्विचार किया जाए।
राज्यपाल लालजी टंडन की अस्वस्थता के चलते भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को कुछ समय मिल गया है। जानकारी मिली है कि शिवराज पहले राजनीतिक परिस्थितियों पर बारीक नजर रखेंगे और उसके बाद फिर से टीम बनाने की मशक्कत होगी। भाजपा भी यह तलाशने की कोशिश कर रही है कि उसके कितने विधायक नाराज चल रहे हैं या मोहभंग की स्थिति में पहुंच रहे हैं। कहा तो यहां तक जा रहा है कि पार्टी लगभग डेढ़ दर्जन विधायकों पर नजर रखे हुए है। बुंदेलखंड और मध्यभारत के भाजपा विधायकों का अपनापन कुछ परेशान किए हुए हैं। इसीलिए प्रदेश प्रभारी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे, प्रदेश अध्यक्ष शर्मा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विधायकों से बात कर रहे हैं। पता चला है कि राज्यसभा चुनाव परिणाम वाली रात से ही भाजपा के भीतर यह कवायद शुरू हो गई है और भाजपा आलाकमान भी इसे गंभीरता से ले रहा है।
प्रदेश के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस को धोखा देने वाली पार्टी निरूपित करते हुए है कि कांग्रेस के राज्यसभा उम्मीदवार फूल सिंह बरैया सज्जनऔर सीधे आदमी। छल कपट से परे रहते हैं और कांग्रेस हमेशा उनसे छल करती है। जब उन्हें चुनाव नहीं जिताना था तो चुनाव क्यों लड़वाया? अब उन्हें आगे चुनाव में लगाकर फिर हराएंगे। यह अब अनुसूचित जाति वर्ग के समझ में आने लगा है कि कांग्रेस उनके साथ छल करने वाली पार्टी है। वहीं दूसरी ओर कॉग्रेस ग्वालियर चंबल अंचल की 16 विधानसभा सीटों पर फूल सिंह बरैया को आरक्षित वर्ग का चेहरा बना सकती है। दो दशक पहले भांडेर क्षेत्र से बसपा के विधायक रहे बरैया को कांग्रेस इस क्षेत्र से चुनाव में अपना उम्मीदवार भी बना सकती है। अभी कांग्रेस ने उनसे इस अंचल में सक्रिय रहने को कहा है। जाटव समाज के वोटों पर बरैया की मजबूत पकड़ को देखते हुए उनका पूरा-पूरा उपयोग पार्टी करेगी। कांग्रेस नेता बरैया का कहना है कि दिग्विजय सिंह एक बड़े नेता हैं और राज्यसभा में भाजपा के खिलाफ गरीब और अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के हितों की बात रखेंगे तो उनकी बात को विशेष महत्व मिलेगा। पार्टी मुझे चुनाव लड़ाएगी तो भांडेर से चुनाव लड़ेंगे और ग्वालियर चंबल संभाग में घूमेंगे।
24 विधानसभा के उपचुनावों में भाजपा उतने ही वायदे करेगी जो कि तीन साल में पूरे हो सकें। इन क्षेत्रों की समस्याओं और इस अवधि में जो विकास कार्य किए जा सकते हैं उसकी जानकारी एकत्रित की जा रही है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय ने सुबह सवेरे को बताया कि अलग-अलग क्षेत्रों में स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार संवाद किया जाएगा। शायद निश्चित समय सीमा में वायदे पूरे करने का एक कारण यह भी है कि उपचुनाव होने के बाद सरकार के पास 3 साल का ही समय बचेगा, क्योंकि लगभग 2 साल का विधानसभा का कार्यकाल पूरा हो चुका होगा। पार्टी इसलिए भी फूंक-फूंक कर कदम रखना चाहती है ताकि कांग्रेस को शिवराज पर घोषणा वीर होने का आरोप लगाने का मौका ना मिले और ऐसे ही वायदे किए जाएं जो व्यावहारिक हों ।
कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल होने वाले कुछ पूर्व विधायकों की गोपनीय बैठक होने की जानकारी मिली है। सूत्रों के अनुसार पूर्व मंत्री एंदल सिंह कंसाना के घर पर कुछ पूर्व विधायक जुटे। मंत्रिमंडल विस्तार की खबरों के बीच बिसाहूलाल सिंह, रणवीर जाटव और कमलेश जाटव के बीच चर्चा हुई। बिसाहूलाल सिंह का कहना है कि हमारा काम भाजपा की सरकार बनवाना था वह हमने कर दिया। मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर क्या फैसला करना है यह भाजपा संगठन का काम है। उन्होंने कहा कि अब हम भाजपा परिवार के सदस्य हैं और बाकी सब पार्टी पर छोड़ा।
——–