BY: एजेंसी
नई दिल्ली/शिमला: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सामरिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण अटल टनल देश को समर्पित कर दिया है. ये अटल टनल हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में है. इस टनल के रास्ते लेह और मनाली के बीच की दूरी 46 किमी कम हो जाएगी. इस टनल के रास्ते लद्दाख में तैनात सैनिकों से सालभर बेहतर संपर्क बना रहेगा. आपात परिस्थितियों के लिए ये सुरंग सबसे कारगर साबित होगी और विशेष परिस्थितियों में अटल टनल आपातकालीन निकास का काम करेगी.
अटल टनल की डिजाइन घोड़े की नाल की तरह बनाई गई है. डबल लेन टनल निर्माण में 3300 करोड़ की लागत आई है. यह देश के लिए रक्षा दृष्टिकोण से भी अहम है. इसमें हर 150 मीटर पर टेलीफोन और 60 मीटर पर वाटर हाइड्रेंट की सुविधा दी गई है. साथ ही हर 500 मीटर पर इससे निकलने की आपात सुविधा भी है. हर 250 मीटर पर ब्राडकास्टिंग सिस्टम और सीसीटीवी कैमरों के साथ आटोमेटिक इंसिडेंट डिटेक्शन सिस्टम लगा है.
पीर पंजाल की पहाड़ियों को काटकर बनाई गई अटल सुरंग के कारण मनाली से लेह की दूरी तो 46 किमी कम हुई है. इसके अलावा अटल सुरंग 13,050 फीट पर स्थित रोहतांग दर्रे के लिए वैकल्पिक मार्ग भी है. मनाली वैली से लाहौल और स्पीति वैली तक पहुंचने में करीब 5 घंटे का वक्त लगता था. लेकिन इस टनल के रास्ते ये दूरी अब करीब 10 मिनट में ही तय हो सकेगी. यानी आप ये समझिये कि अटल टनल नहीं, बल्कि इंच-इंच ज़मीन की रक्षा के लिए ये नए भारत का अटल संकल्प है, जिसके बाद चाहे चीन हो या फिर पाकिस्तान, भारत को आंख दिखाने पर 100 बार सोचेंगे.
- टनल एक पहाड़ को भेदकर बनाया गया
- माइनस 23 डिग्री में भी निर्माण कार्य हुआ
- इमरजेंसी में एग्जिट गेट मुख्य सुरंग के नीचे
- एग्जिट गेट कुछ-कुछ दूरी पर बनाए गए हैं
- टनल पूरे साल 24 घंटे खुला रहेगा
- टनल हर मौसम के हिसाब से बना है
- बर्फ और हिमस्खलन का कोई असर नहीं होगा
- आग जैसे हालात से निपटने के पूरे इंतजाम