BY:एजेंसी
पटना: लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने रविवार को एनडीए गठबंधन का हिस्सा रहते हुए बिहार में जेडीयू के खिलाफ उम्मीदवार उतारने का ऐलान कर दिया। सूत्रों के अनुसार, पार्टी की रणनीति है कि राज्य की उन 143 विधानसभा सीटों पर लड़ेगी जो अधिकतर जेडीयू के हिस्से वाली सीट होंगी। इसके बाद सबसे बड़ा सवाल यह है कि चिराग पासवान के इस कदम से नीतीश कुमार को अधिक नुकसान होगा या लाभ होगा।
एलजेपी ने दावा किया है कि उनके इस कदम से जेडीयू को नुकसान होगा और चुनाव बाद बीजेपी और एलजेपी सरकार बना लेंगे। एलजेपी ने बिहार चुनाव में नारा भी दिया है- ‘मोदी तुझसे बैर नहीं, नीतीश तेरी खैर नहीं।’ सूत्रों के अनुसार, एलजेपी कई बीजेपी नेताओं को भी टिकट दे सकती है, जिन्हें जेडीयू की सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिलेगा। वहीं पार्टी ने यह भी कह दिया कि वे पीएम नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट मांगे
इस दिलचस्प सियासी घटनाक्रम के बीच आरजेडी की अगुआई वाले विपक्षी गठबंधन को अब इसमें मौका दिख रहा है। पार्टी नेताओं का मानना है कि राज्य में आधे से अधिक सीटों पर इस तरह उलझन रहने से अंत में उन्हें लाभ होगा क्योंकि एनडीए वोट का बंटवारा होगा। विपक्षी गठबंधन चिराग के इस कदम पर नजदीकी नजर रख रहा है और बदले हालात में वे अपनी रणनीति में बदलाव भी कर सकते हैं। कांग्रेस के एक नेता ने एनबीटी से कहा कि अब जिन सीट पर चिराग के भी उम्मीदवार होंगे, वहां उनके गठबंधन के लिए बेहतर मौके होंगे।