BY: एजेंसी
नई दिल्ली : अगर आप म्यूचुअल फंड में पैसा लगाते हैं तो यह खबर आपके लिए खास है. शेयर मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ने इक्विटी म्यूचुअल फंड से जुड़ा एक नियम बदल दिया है. SEBI ने इससे पहले अप्रैल 2020 में कोरोना वायरस महामारी के चलते म्यूचुअल फंड यूनिट्स की खरीद और बिक्री के लिए कट ऑफ टाइम को कम कर दिया था. कट-ऑफ टाइम से ही स्कीम की यूनिट्स की नेट एसेट वैल्यू तय होती है. जब आप स्कीम में निवेश करते हैं तो एनएवी पर आपको यूनिट मिलती हैं. म्यूचुअल फंड से पैसे निकालने यानी यूनिट्स बेचने के दौरान भी यही तरीका अपनाया जाता है. आइए जानें इससे जुड़ी सभी जरूरी बातें. अगर आप म्यूचुअल फंड में पैसा लगाते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है. शेयर मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ने इक्विटी म्यूचुअल फंड से जुड़ा एक नियम बदल दिया है. SEBI ने इससे पहले अप्रैल 2020 में कोरोना वायरस महामारी के चलते म्यूचुअल फंड यूनिट्स की खरीद और बिक्री के लिए कट ऑफ टाइम को कम कर दिया था. कट-ऑफ टाइम से ही स्कीम की यूनिट्स की नेट एसेट वैल्यू तय होती है. जब आप स्कीम में निवेश करते हैं तो एनएवी पर आपको यूनिट मिलती हैं. म्यूचुअल फंड से पैसे निकालने यानी यूनिट्स बेचने के दौरान भी यही तरीका अपनाया जाता है. आइए जानें इससे जुड़ी सभी जरूरी बातें.
अगर आप म्यूचुअल फंड में पैसा लगाते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है. शेयर मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ने इक्विटी म्यूचुअल फंड से जुड़ा एक नियम बदल दिया है. SEBI ने इससे पहले अप्रैल 2020 में कोरोना वायरस महामारी के चलते म्यूचुअल फंड यूनिट्स की खरीद और बिक्री के लिए कट ऑफ टाइम को कम कर दिया था. कट-ऑफ टाइम से ही स्कीम की यूनिट्स की नेट एसेट वैल्यू तय होती है. जब आप स्कीम में निवेश करते हैं तो एनएवी पर आपको यूनिट मिलती हैं. म्यूचुअल फंड से पैसे निकालने यानी यूनिट्स बेचने के दौरान भी यही तरीका अपनाया जाता है. आइए जानें इससे जुड़ी सभी जरूरी बातें.
अब इक्विटी म्यूचुअल फंड की यूनिट को खरीदना हो या बेचना हो, दोनों के लिए 3 बजे तक का समय होगा. सभी स्कीम्स के सब्क्रिप्शन और रिडिम्पशन का कट ऑफ टाइम फिर से 3 बजे हो गया है. यह इक्विटी म्यूचुअल फंड की सभी स्कीम के लिए लागू होगा. लेकिन डेट स्कीम और हाइब्रिड फंड्स की ट्रेडिंग का समय पहले की तरह ही रहेगा. बता दें कि सेबी ने कुछ ही समय पहले कोरोना वायरस महामारी के कारण 3 बजे के समय को बदलकर 12.30 कर दिया था. लिक्विड और ओवरनाइट फंड की खरीद और बिक्री के लिए 12.30 से 1.30 तक का समय है. वहीं, डेट और हाइब्रिड फंड्स के लिए यह समय 1 बजे का है. बदल गया ये नियम- अब इक्विटी म्यूचुअल फंड की यूनिट को खरीदना हो या बेचना हो, दोनों के लिए 3 बजे तक का समय होगा. सभी स्कीम्स के सब्क्रिप्शन और रिडिम्पशन का कट ऑफ टाइम फिर से 3 बजे हो गया है. यह इक्विटी म्यूचुअल फंड की सभी स्कीम के लिए लागू होगा. लेकिन डेट स्कीम और हाइब्रिड फंड्स की ट्रेडिंग का समय पहले की तरह ही रहेगा. बता दें कि सेबी ने कुछ ही समय पहले कोरोना वायरस महामारी के कारण 3 बजे के समय को बदलकर 12.30 कर दिया था. लिक्विड और ओवरनाइट फंड की खरीद और बिक्री के लिए 12.30 से 1.30 तक का समय है. वहीं, डेट और हाइब्रिड फंड्स के लिए यह समय 1 बजे का है.
बदल गया ये नियम- अब इक्विटी म्यूचुअल फंड की यूनिट को खरीदना हो या बेचना हो, दोनों के लिए 3 बजे तक का समय होगा. सभी स्कीम्स के सब्क्रिप्शन और रिडिम्पशन का कट ऑफ टाइम फिर से 3 बजे हो गया है. यह इक्विटी म्यूचुअल फंड की सभी स्कीम के लिए लागू होगा. लेकिन डेट स्कीम और हाइब्रिड फंड्स की ट्रेडिंग का समय पहले की तरह ही रहेगा. बता दें कि सेबी ने कुछ ही समय पहले कोरोना वायरस महामारी के कारण 3 बजे के समय को बदलकर 12.30 कर दिया था. लिक्विड और ओवरनाइट फंड की खरीद और बिक्री के लिए 12.30 से 1.30 तक का समय है. वहीं, डेट और हाइब्रिड फंड्स के लिए यह समय 1 बजे का है.
एनएवी का आवंटन इस पर निर्भर करता है कि आपने फंड हाउस को पैसा और आवेदन कब किया. म्यूचुअल फंड्स की दुनिया में इसे कट-ऑफ टाइम कहते हैं. लिक्विड, डेट और इक्विटी फंड्स के लिए अलग-अलग कट ऑफ टाइम है. आपको स्कीम की यूनिट्स का अलॉटमेंट उसी दिन यानी जिस दिन आपने एप्लीकेशन दिया है या एक दिन पहले या दूसरे दिन हो सकता है. यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने अपने फंड हाउस को आवेदन कब सबमिट किया और और पैसा कब जमा किया. क्या होता है कट-ऑफ टाइम- एनएवी का आवंटन इस पर निर्भर करता है कि आपने फंड हाउस को पैसा और आवेदन कब किया. म्यूचुअल फंड्स की दुनिया में इसे कट-ऑफ टाइम कहते हैं. लिक्विड, डेट और इक्विटी फंड्स के लिए अलग-अलग कट ऑफ टाइम है. आपको स्कीम की यूनिट्स का अलॉटमेंट उसी दिन यानी जिस दिन आपने एप्लीकेशन दिया है या एक दिन पहले या दूसरे दिन हो सकता है. यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने अपने फंड हाउस को आवेदन कब सबमिट किया और और पैसा कब जमा किया.
क्या होता है कट-ऑफ टाइम- एनएवी का आवंटन इस पर निर्भर करता है कि आपने फंड हाउस को पैसा और आवेदन कब किया. म्यूचुअल फंड्स की दुनिया में इसे कट-ऑफ टाइम कहते हैं. लिक्विड, डेट और इक्विटी फंड्स के लिए अलग-अलग कट ऑफ टाइम है. आपको स्कीम की यूनिट्स का अलॉटमेंट उसी दिन यानी जिस दिन आपने एप्लीकेशन दिया है या एक दिन पहले या दूसरे दिन हो सकता है. यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने अपने फंड हाउस को आवेदन कब सबमिट किया और और पैसा कब जमा किया.
बता दें कि यह बदलाव सिर्फ इक्विटी म्यूचुअल फंड के लिए है. डेट म्यूचुअल फंड और हाइब्रिड म्यूचुअल फंड की खरीद बिक्री के समय में बदलाव नहीं किया गया है. म्यूचुअल फंड की ट्रेडिंग के समय में कोई बदलाव नहीं किया गया है. SEBI के इस फैसले की जानकारी देते हुए म्यूचुअल फंड को रेग्युलेट करने वाली संस्था एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड इन इंडिया की ओर से भी ट्वीट किया गया है.
अगर आपने कट-ऑफ टाइम मिस कर दी है और एप्लीकेशन सबमिट कर दिया है और दोपहर 3 बजे के बाद आवेदन दिया है तो आपको उसी दिन के एनएवी के आधार पर यूनिट्स का अलॉटमेंट होगा. अगर आपने 3 बजे से पहले एप्लीकेशन जमा कर दिया है लेकिन कट-ऑफ टाइम से पहले पैसा जमा नहीं कर पाए हैं तो आपको एक दिन पहले की एनएवी के आधार पर यूनिट्स का अलॉटमेंट होगा. कैसे पड़ेगा आपके पैसों पर असर- अगर आपने कट-ऑफ टाइम मिस कर दी है और एप्लीकेशन सबमिट कर दिया है और दोपहर 3 बजे के बाद आवेदन दिया है तो आपको उसी दिन के एनएवी के आधार पर यूनिट्स का अलॉटमेंट होगा. अगर आपने 3 बजे से पहले एप्लीकेशन जमा कर दिया है लेकिन कट-ऑफ टाइम से पहले पैसा जमा नहीं कर पाए हैं तो आपको एक दिन पहले की एनएवी के आधार पर यूनिट्स का अलॉटमेंट होगा.
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बता दें कि यह बदलाव सिर्फ इक्विटी म्यूचुअल फंड के लिए है. डेट म्यूचुअल फंड और हाइब्रिड म्यूचुअल फंड की खरीद बिक्री के समय में बदलाव नहीं किया गया है. म्यूचुअल फंड की ट्रेडिंग के समय में कोई बदलाव नहीं किया गया है. SEBI के इस फैसले की जानकारी देते हुए म्यूचुअल फंड को रेग्युलेट करने वाली संस्था एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड इन इंडिया की ओर से भी ट्वीट किया गया है. बता दें कि यह बदलाव सिर्फ इक्विटी म्यूचुअल फंड के लिए है. डेट म्यूचुअल फंड और हाइब्रिड म्यूचुअल फंड की खरीद बिक्री के समय में बदलाव नहीं किया गया है. म्यूचुअल फंड की ट्रेडिंग के समय में कोई बदलाव नहीं किया गया है. SEBI के इस फैसले की जानकारी देते हुए म्यूचुअल फंड को रेग्युलेट करने वाली संस्था एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड इन इंडिया की ओर से भी ट्वीट किया गया है.