BY: एजेंसी
नई दिल्ली: अमेरिका में राष्ट्रपति पद के दोनों उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर हो रही. राष्ट्रपति चुनाव की काउंटिंग अमेरिका में रात होने की वजह से रोक दी गई है. करीब 5 घंटे बाद वोटों की गिनती दोबारा शुरू होगी. चुनाव में जो बाइडेन जो रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार हैं और लगातार बढ़त बनाए हुए हैं. हालांकि अभी मुश्किल है ये कहना कि कौन जीतेगा? लेकिन उससे पहले आपको जो बाइडेन के बारे में जानते हैं की उनके जीतने का भारत को क्या फायदे और नुकसान होंगे.
जो बाइडेन 77 साल के हैं और लंबे समय से ही राजनीति में हैं. जो बाइडेन ओबामा सरकार के दौरान उपराष्ट्रपति थे. मतलब बाइडेन राजनीति के पुराने खिलाड़ी हैं. इसीलिए ये संभावना जताई जा रही है कि बाइडेन बाजी मार सकते हैं. बाइडेन ने तो पहले ही अपने समर्थकों को धन्यवाद भी बोल दिया है. बाइडेन के राष्ट्रपति बनने पर कुछ बदलाव होंगे जैसे कट्टरता-आतंकवाद पर ट्रंप के मुकाबले आक्रामकता घट सकती है. इमिग्रेशन पॉलिसी पर बाइडेन का रुख ट्रंप के मुकाबले थोड़ा नरम हैं, इसीलिए मैक्सिको से आने वाले लोगों को राहत दी जा सकती है.अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर जो ट्रंप के काल में प्रचंडता पर थी, वो धीरे-धीरे खत्म हो सकती है. अमेरिका में अश्वेत विरोध और आंदोलन कम हो सकते हैं.न भारत के साथ संबंध में ज्यादा बदलाव की संभावना नहीं है. सबसे बड़ी बात, जो बाइडेन के आने से अमेरिका में ग्रीन कार्ड देने की संख्या बढ़ सकती है. अमेरिका-चीन के साथ संबंध में सुधार आ सकता है. बातचीत आगे बढ़ेगी. हमने देखा कि ट्रंप के दौरान ये संबंध बेहद खराब हो गए थे.
बाइडेन के राष्ट्रपति बनने पर भारत को कुछ फायदे हो सकते हैं तो कुछ नुकसान दोनों हो सकते हैं. भारत-अमेरिका रक्षा संबंध की बात करें तो बड़े बदलाव की संभावना नहीं है. संयुक्त युद्धाभ्यास और सैन्य समझौते पहले की तरह होते रहेंगे. भारत-अमेरिका आर्थिक संबंध और बेहतर हो सकते हैं. दोनों देश के बीच कारोबार बढ़ सकता है. IT सेक्टर की कंपनियों को जो बाइडेन के आने का फायदा होगा. अच्छी खबर ये हैं कि भारतीयों को ज्यादा ग्रीन कार्ड मिल पाएगा यानी ज्यादा भारतीय अमेरिका में बस पाएंगे. भारत-चीन तनाव को कम करने के लिए जो बाइडेन भारत पर दबाव बना सकता है, क्योंकि डेमोक्रेटिक पार्टी का रुख चीन के प्रति थोड़ा नरम रहा है. भारत-पाकिस्तान संबंध की बात करें तो इसपर बहुत बदलाव नहीं होगा क्योंकि भारत ने साफ कर दिया है कि वो अपनी हितों की रक्षा जरूर करेगा. आंकड़े ये भी बताते हैं कि कई मौकों पर ऐसा नहीं हुआ है. क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी के बारे में ये कहा जाता है कि वो जो कूटनीतिक तौर पर बेहद मजबूत हैं और देशहित के फैसलों पर किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटते हैं. सारी चीज़ो को देख जाये तो तय है कि जो बाइडेन अगर राष्ट्रपति बनते हैं तो भारत पर कोई खास असर नहीं पड़ने वाला है. ये सामान्य धारणा है कि डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं का भारत के प्रति रुख थोड़ा कम नरम होता है.