BY: RAVI BHUTDA
बालोद: सरकारी वनभूमि पर अनाधिकृत कब्जा किये जाने पर वनमण्डाधिकारी श्रीमती सतोविशा समाजदार ने पाटेश्वर सेवा संस्थान के संस्थापक बाल योगेश्वर राम बालक दास महात्यागी को अतिक्रमित क्षेत्र को खाली करने दूसरी दफा नोटिस जारी किया गया हैं। पूर्व में जारी नोटिस का जवाब नही दिये जाने के कारण दूसरी बार नोटिस जारी कर 30 दिन के भीतर जवाब प्रस्तुत करने कहा गया हैं।वनमण्डाधिकारी ने मंदिर परिसर में सड़क बनाने वाले छत्तीसगढ़ ग्रामीण सड़क विभाग व ग्राम पंचायत विभाग को भी नोटिस जारी किया है। संत रामबालक दास को नोटिस जारी होने से हड़कंप है। आडौंडीलोहारा विकासखंड के बड़ेजुंगेरा के घने जंगल में स्थित जामड़ी पाटेश्वरधाम पंचमुखी हनुमान मंदिर के संचालक महात्यागी संत रामबालक दास को वन विभाग ने नोटिस जारी कर 4.065 हेक्टेयर संरक्षित वन क्षेत्र पर कब्जा हटाने चेतावनी दी है। जिले के वनमण्डाधिकारी श्रीमती सतोविशा समाजदार ने नोटिस में तीस दिन के भीतर जवाब मांगा है। वनमण्डाधिकारी श्रीमती सतोविशा समाजदार ने कहा कि ऐसा नहीं करने पर कब्जा हटाने की कार्यवाही शुरू की जा सकती है। जमीन को मूल दशा में लाने पर होने वाला खर्च जिम्मेदारों से वसूला जाएगा। इस मामले में संत रामबालक दास ने कहा कि वन विभाग उन्हें जबरदस्ती प्रताड़ित कर रहा है। उनके पास सारे दस्तावेज हैं। वनमण्डाधिकारी श्रीमती सतोविशा समाजदार ने बताया कि इसके पूर्व जारी नोटिस के जवाब में रामबालक दास ने बिना प्रमाणित दस्तावजों के बस इतना बताया कि मंदिर 1975 से वहां है। इसके लिए प्रमाणित दस्तावेज मंगाए गए थे। वहीं 1975 में भी पीएफ में मंदिर बनाना नियम विरुद्ध था। बाकी स्ट्रक्चर 2018 के हैं। जब भारतीय वन अधिनियम 1927 के साथ एफसीए 1980 भी आ चुका है। संरक्षित वन में मंदिर बनाना गैरकानूनी है। इसलिए संत रामबालक दास को नोटिस जारी किया गया है। छत्तीसगढ़ ग्रामीण सड़क विभाग और पंचायत विभाग को भी नोटिस दिया गया है। 4 हेक्टयर प्रोटेक्टेड फॉरेस्ट में 20 लाख की 4 सड़क व आंगनबाड़ी भवन बनाया गया है, जहां कोई बच्चा नहीं जाता है। मामले में नियमानुसार आगे की कार्यवाही की जाएगी।
जवाब नहीं देने पर हो सकती है यह कार्यवाही:
वनमण्डाधिकारी श्रीमती समाजदार ने दूसरे नोटिस में कहा कि 30 दिन के भीतर कारण बताते हुए जवाब नहीं दिया तो उपरोक्त वर्णित भूमि पर अनधिकृत कब्जा के खिलाफ बेदखली का आदेश पारित किया जा सकता है। वही अनधिकृत भूमि पर खड़ी समस्त संपात्ति को अधिग्रहित करने की कार्रवाई भी की जा सकती है। इसके अलावा अनधिकृत भूमि पर खड़ी फसल, भवन या अन्य निर्माण का कार्य हटाने एवं भूमि को अपनी मूल दशा में लाने में होने वाले समस्त कार्यों का खर्च इसके जिम्मेदारों से वसूलने की भी बात कही है। तो वही संत रामबालक दास ने कहा कि वनमण्डाधिकारी जबरदस्ती प्रताड़ित कर रही हैं। इस मामले में सांसद से भी 18 नवम्बर को होने वाले दिशा की बैठक में चर्चा कर मामले को सुलझाने की बात कही है। मामला नहीं सुलझा तो आगे खुद अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ कलेक्टर के पास जाऊंगा। इस मामले पर डीएफओ व सभी एक साथ बैठकर चर्चा करेंगे। इस जमीन के पट्टा के लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं।
दो बार दिया डीएफओ ने नोटिस:
वनमण्डाधिकारी श्रीमती सतोविशा समाजदार ने पहला नोटिस 11 सिंतबर 2020 को पाटेश्वर सेवा संस्थान (जामड़ी पाटेश्वरधाम सेवा आश्रम) जारी किया था। दूसरा नोटिस 7 नवंबर 2020 को जारी किया। नोटिस में वनमण्डाधिकारी ने उन्हें भारतीय वन अधिनियम की धारा 80 (अ) के तहत मिले अधिकारों का हवाला देते हुए कहा कि बालोद वनमंडल के परिक्षेत्र लोहारा के संरक्षित वन कक्ष क्रमांक 304 पीएफ में 4.065 हेक्टेयर वन भूमि पर अवैध कब्जा किया है।
मध्यप्रदेश में कंप्यूटर बाबा का आश्रम हो चुका है ध्वस्त:
मध्यप्रदेश में भाजपा की शिवराज सरकार ने कांग्रेस नेताओं के करीबी रहे कंप्यूटर बाबा द्वारा इंदौर स्थित आश्रम के नाम पर किए गए अवैध निर्माण का ध्वस्त कर दिया था। कंप्यूटर बाबा पर आरोप है कि उन्होंने आश्रम के नाम पर कई एकड़ जमीन पर अवैध निर्माण कर रखा था। बताया जा रहा है कि संत रामबालक दास के भाजपा नेताओं से नजदीकी रिश्ते हैं। इसलिए छत्तीसगढ़ में भी कार्यवाही से इनकार नहीं किया जा सकता है।