BY: एजेंसी
नई दिल्ली: भाजपा ने जम्मू-कश्मीर में बने गुपकार अलायंस पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। मंगलवार को अमित शाह ने कहा कि गुपकार गैंग अब ग्लोबल हो रहा है। वे विदेशी ताकतों का जम्मू-कश्मीर में दखल चाहते हैं। क्या इनका समर्थन सोनिया और राहुल गांधी करते हैं? उन्हें इस पर अपना रुख साफ करना चाहिए। भारत के लोग देश के खिलाफ किसी ग्लोबल गठबंधन को सहन नहीं करेंगे।
गृह मंत्री शाह ने कहा- जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है। भारत के लोग देश के खिलाफ किसी अंतरराष्ट्रीय गठबंधन को सहन नहीं करेंगे। या तो गुपकार गैंग को देश के मूड के साथ चलना होगा या फिर लोग उसे डुबा देंगे। शाह से पहले सोमवार को भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके गुपकार अलायंस और कांग्रेस पर हमला बोला था।
शाह ने कहा- गुपकार गैंग और कांग्रेस मिलकर जम्मू-कश्मीर को आतंक और बर्बादी के दौर में वापस ले जाना चाहते हैं। आर्टिकल 370 हटने से दलितों, महिलाओं और आदिवासियों को अधिकार मिले हैं। कांग्रेस और गुपकार गैंग मिलकर उनके अधिकार छीनना चाहते हैं। यही वजह है कि हर जगह लोगों ने उन्हें नकार दिया है।
गुपकार डिक्लेरेशन को अमलीजामा पहनाने के लिए छह दलों ने हाथ मिलाया है। इनमें डॉ. फारूक अब्दुल्ला की अध्यक्षता वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस, महबूबा मुफ्ती की अगुआई वाली पीडीपी के अलावा सज्जाद गनी लोन की पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस, जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट और माकपा की स्थानीय इकाई शामिल है।
श्रीनगर के गुपकार रोड पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुखिया फारूक अब्दुल्ला का घर है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने के एक दिन पहले 4 अगस्त, 2019 को आठ स्थानीय दलों ने यहां बैठक की थी। इसमें एक प्रस्ताव पारित किया गया था। उसे ही गुपकार डिक्लेरेशन कहा गया। गुपकार डिक्लेरेशन में आर्टिकल-370 और 35ए की बहाली के साथ ही जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा मांगा गया है। सहयोगी दलों के सबसे सीनियर नेता होने के नाते डॉ. फारूक अब्दुल्ला को इसका अध्यक्ष बनाया गया है। इसकी उनकी पार्टी का मजबूत कैडर होना भी एक वजह है।