BY: एजेंसी
नई दिल्ली: सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की कोशिश कोविशील्ड के दिसंबर 2020 तक इमर्जेंसी अप्रूवल के लिए अप्लाई करने की है। भारत के ड्रग रेगुलेटर को कंपनी फ्रंटलाइन वर्कर्स और बुजुर्गों पर लिमिटेड यूज के लिए एप्लिकेशन देगी। सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावला ने एक मीडिया समिट में यह बात बताई है। उन्होंने कहा कि आम जनता तक यह वैक्सीन मार्च-अप्रैल 2021 तक पहुंच सकती है। इस वैक्सीन की प्राइवेट मार्केट में कीमत 500 से 600 रुपये के बीच हो सकती है। इस वैक्सीन को 2 डिग्री से 8 डिग्री सेल्सियस तापमान पर स्टोर किया जा सकता है, जो इसे भारत के लिए बेहतरीन वैक्सीन कैंडिडेट बनाती है।

सीरम इंस्टिट्यूट के सीईओ के अनुसार, वे यूनाइटेड किंगडम में इस वैक्सीन के पॉजिटिव नतीजों के आधार पर इमर्जेंसी अप्रूवल की उम्मीद लगाए बैठे हैं। पूनावाला ने कहा, -‘अगर यूके से नवंबर के आखिर या दिसंबर की शुरुआत तक अच्छे नतीजे आते हैं तो हम इमर्जेंसी लाइसेंस के लिए अप्लाई करेगी। ऐसे में आपको खतरे वाली आबादी के लिए जनवरी-फरवरी तक वैक्सीन मिल सकती है और मार्च-अप्रैल तक आम जनता के लिए।’ पूनावाला के मुताबिक, उनकी कंपनी अभी एक महीने में 5 से 6 करोड़ डोज तैयार कर सकती है जिसे फरवरी तक बढ़ाकर 10 करोड़ करने की तैयारी है। ‘कोविशील्ड’ टीके को ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी और ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका के रिसर्चर्स ने मिलकर बनाया है। द लैंसेट में गुरुवार को इस वैक्सीन के असरदार होने की रिपोर्ट छपी है। सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर कोविशील्ड की 100 करोड़ डोज तैयार करने की डील कर रखी है। वैसे तो किसी कंपनी ने स्पष्ट रूप से अपनी वैक्सीन की कीमत नहीं बताई है। पूनावाला ने कहा कि सरकार को यह वैक्सीन और कम कीमत 3 से 4 डॉलर यानी 225-300 रुपये में मिलेगी क्योंकि वह बहुत ज्यादा मात्रा में डोज खरीदेगी। उन्होंने कहा, ‘लेकिन आम जनता को वैक्सीन के लिए 500 से 600 रुपये चुकाने होंगे।’ उन्होंने कहा कि यह वैक्सीन बाजार में मौजूद कई और वैक्सीन के मुकाबले काफी सस्ती है। बता दें कि भारत सरकार वैक्सीन मुहैया कराने की तैयारियों में लगी हुई है। इस बात के पूरे आसार हैं कि हर भारतवासी को कोरोना का टीका मुफ्त में लगेगा।