BY: एजेंसी
वाशिंगटन: अमेरिकी चुनावों में जीतकर बने प्रेसिडेंट इलेक्ट जो बाइडन ने ऐलान कर दिया है कि उनके 20 जनवरी को शपथ लेने के बाद अमेरिका फिर से विश्व स्वास्थ्य संगठन में शामिल हो जाएगा. बाइडन ने कहा कि हम ये ज़रूर सुनिश्चित करेंगे की चीन अपनी हद में रहे लेकिन कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए हम WHO का साथ देने के तैयार हैं. चीन ने जुड़े एक सवाल के जवाब में बाइडन ने ये भी कहा कि अब उन्हें मनमानी नहीं करने दी जाएगी और ज़रूरत पड़ी तो कठोर कदम उठाए जाएंगे. वो कोरोना वायरस को लेकर चीन द्वारा की गई अनियमितताओं के लिए उसे सजा देना चाहते हैं. इस सजा में आर्थिक प्रतिबंध और कई तरह की टैक्स-टैरिफ वृद्धि शामिल होने की बात कही जा रही थी.
जैसा की पहले बीते अप्रैल में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नाराज़ होकर WHO से किनारा कर लिया था और फंडिंग भी बंद कर दी थी. ट्रंप ने आरोप लगाया था कि WHO खुलकर चीन के पक्ष में काम कर रहा है. बाइडन ने कहा कि वो चीन को सजा देना नहीं चाहते हैं लेकिन उन्हें ये समझाना चाहते हैं कि उन्हें भी दूसरे देशों की तरह नियम-कानूनों का पालन करना ही होगा नहीं तो नतीजे बुरे होंगे.
विलमिंगटन में दोनों पक्षों के गवर्नरों के एक समूह के साथ बैठक में बाइडन ने कहा, ‘लोकतंत्र किस तरह काम करता है, इसको लेकर दुनिया के बाकी हिस्सों में बेहद खराब संदेश जा रहा है. मुझे नहीं पता कि उनका (ट्रंप) मकसद क्या है लेकिन मुझे लगता है कि यह बेहद गैर जिम्मेदाराना है.’ उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘अब राष्ट्रपति जो कर रहे हैं वह एक और घटना है जिससे वह इतिहास में अमेरिका के सबसे गैर-जिम्मेदार राष्ट्रपतियों में से एक के रूप में पहचाने जाएंगे.’ बाइडन इससे पहले पेरिस पर्यावरण समझौते में भी फिर से शामिल होने का ऐलान कर चुके हैं. बाइडन ने डेलावेयर में गवर्नरों के साथ एक मीटिंग के दौरान कहा कि फ़िलहाल महामारी से लड़ाई में WHO का साथ देना ज़रूरी है. WHO में सुधार की ज़रूरत है और वह हम इसे अंदर रहकर ही करेंगे. इससे पहले बाइडन ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चुनाव में हार स्वीकार ना करके अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बेहद खराब संदेश भेज रहे हैं. ट्रंप ने हार स्वीकार करने से मना कर दिया है और कई राज्यों में चुनावी परिणामों के खिलाफ मुकदमा भी दायर किया है.