BY: एजेंसी
चेन्नई : मौसम विभाग ने बुधवार को कहा कि चक्रवात निवार ने तमिलनाडु के पुदुचेरी और मरक्कानम के बीच लैंडफॉल की प्रक्रिया शुरू कर दी है. तटीय तमिलनाडु और पुदुचेरी पर “बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान” टकराने लगा है और निचले इलाकों के एक लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. निवार के चलते भारी बारिश और तेज हवाएं चल रही हैं. चक्रवात निवार की वजह से गुरुवार तक सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है. चेन्नई हवाई अड्डे और मेट्रो सेवाओं को बंद किया गया है.
चक्रवात 120 से 130 किमी प्रति घंटे के बीच बेहद भारी बारिश और हवाएं लाएगा. 145 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं. तटीय क्षेत्रों में गुरुवार तक भारी बारिश हो सकती है. निवार को नंबर 1 श्रेणी “गंभीर चक्रवाती तूफान” की श्रेणी में रखा गया. चक्रवात निवार से घरों को नुकसान, बिजली लाइनों के उखड़ने और फसलों के नष्ट होने की संभावना है. तमिलनाडु के आपदा प्रबंधन मंत्री आरबी उधयाकुमार ने कहा, “एहतियात के तौर पर राज्य भर में 1.45 लाख लोगों को 1,516 राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया है.” राज्य के तट पर चेन्नई के दक्षिण में स्थित कुड्डलोर और नागपट्टिनम जिले, सबसे अधिक लोगों को निकाला गया है. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी ने लोगों से जहां तक संभव हो सके घर पर रहने की अपील की और कहा कि 4,000 से अधिक “असुरक्षित” स्थानों की पहचान की गई है और स्थानीय अधिकारियों से कहा गया है कि वे लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करें. चेन्नई में सरकारी अधिकारियों ने एक बड़े जलाशय से पानी छोड़ा और गिरे पेड़ों को हटाया. एक वरिष्ठ बंदरगाह अधिकारी ने कहा कि शहर के बंदरगाह पर वेसल्स को समुद्र में ले जाया गया है और जब तक कि चक्रवात चला नहीं जाता बंदरगाह संचालन बंद रहेगा. 2015 की बाढ़ की यादें ताजा होने के साथ, तमिलनाडु जल स्तर में तेजी से वृद्धि के खतरे को देखते हुए चार अन्य जलाशयों की भी निगरानी की जा रही है.
एनडीआरएफ के प्रमुख एसएन प्रधान ने बताया कि तमिलनाडु, पुदुचेरी और पड़ोसी आंध्र प्रदेश में लगभग 1,200 राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के जवान तैनात किए गए हैं. 12 टीमें तमिलनाडु में (छह कुड्डालोर जिले में और दो चेन्नई में), सात आंध्र प्रदेश में और तीन पुडुचेरी में हैं. अतिरिक्त 20 टीमें ओडिशा के कटक, आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा और केरल के त्रिशूर में स्टैंडबाय पर होंगी.
भारतीय नौसेना ने कहा है कि वह निवार की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं. तमिलनाडु और पुडुचेरी दोनों सरकारों के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं. नौसेना के जहाज, विमान और बचाव और गोताखोरी टीमों को स्टैंडबाय पर रखा गया है.
राज्य सरकारों को बिजली लाइनों और संचार नेटवर्क को व्यापक नुकसान की उम्मीद है, इस आशंका के साथ कि ग्रामीण क्षेत्रों में घर नष्ट हो जाएंगे और पेड़ उखड़ जाएंगे. दोनों सरकारों ने मछुआरों को भी चेतावनी दी है और तटीय और निचले इलाकों के हजारों लोगों को स्थानांतरित कर दिया है, जो लहरों की चपेट में आ सकते हैं. तमिलनाडु के कलपक्कम में मद्रास परमाणु ऊर्जा स्टेशन (एमएपीएस) में अलर्ट जारी किया गया है, जो ममल्लापुरम से लगभग 20 किमी दूर है. अधिकारियों ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि अधिकारी कार्रवाई के लिए मौसम की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने भी अलर्ट जारी किया है. राज्य में भारी वर्षा होने की उम्मीद है. नेल्लोर और चित्तूर जिले अलर्ट पर हैं, क्योंकि कडप्पा, कुरनूल और अनंतपुर के कुछ हिस्सों में 11 से 20 सेंटीमीटर बारिश और हवा की गति 75 किमी प्रति घंटा तक रहने की उम्मीद है. मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है और निचले इलाकों में बाढ़ की चेतावनी दी गई है.