रायपुर। अवाम-ए-हिन्द सोशल वेलफेयर कमेटी ने आज “अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस” पर स्थानीय रामनगर में नशामुक्ति अभियान चलाया। जिसके तहत भूख एवं अपराध को दूर करने लिए 96दिनों से वितरण किये जा रहे निःशुल्क भोजन वितरण के साथ-साथ स्थानीय निवासी, पुरुष, बच्चों, महिलाओं, मज़दूर वर्गों को मादक पदार्थों के दूर रहने एवं उसके दुष्परिणाम के बारे में जागरूक करते हुए शपथ दिलाई।
संस्थापक, मो. सज्जाद खान ने बताया कि नशा, एक ऐसी बीमारी है जो कि युवा पीढ़ी को लगातार अपनी चपेट में लेकर उसे कई तरह से बीमार कर रही है। शराब, सिगरेट, तम्बाकू एवं ड्रग्स जैसे जहरीले पदार्थों का सेवन कर युवा वर्ग का एक बड़ा हिस्सा नशे का शिकार हो रहा है। आज के समय में फुटपाथ और रेल्वे प्लेटफार्म पर रहने वाले बच्चे भी नशे की चपेट में आ चुके हैं। महिलाओं द्वारा भी मादक पदार्थों का बहुत अधिक मात्रा में सेवन किया जाता है। व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में तनाव, प्रेम संबंध, दांपत्य जीवन व तलाक आदि कारण, महिलाओं में नशे की बढ़ती लत के लिए जिम्मेदार है।
लोग सोचते हैं कि वो बच्चें कैसे नशा कर सकते है जिनके पास खाने को भी पैसा नहीं होता। परंतु नशा करने के लिए सिर्फ मादक पदार्थो की ही जरुरत नहीं होती, बल्कि व्हाइटनर, नेल पॉलिश, पेट्रोल आदि की गंध, सुलोशन इत्यादि हैं। बच्चे देश का भविष्य हैं, इन्हें नशे से दूर रखना चाहिए। नशे की लत ने इंसान को उस स्तर पर लाकर खड़ा कर दिया है कि अब व्यक्ति मादक पदार्थों के सेवन के लिए किसी भी हद तक जाकर जुर्म भी कर सकता है।
संस्थापक, मो. सज्जाद खान ने यह भी बताया कि सरकार द्वारा भारत के सभी राज्यों में नशामुक्ति केन्द्र खुलवा दिए गए हैं, जो नशे से छुटकारा पाने के लिए बहुत उपयोगी है। साथ ही खुलेआम बिकने वाले नशीले पदार्थ, सुलोशन पर भी संस्था, अंकुश लगाने की मांग शासन से करती है।
आजके कार्यक्रम में संस्थापक, मो. सज्जाद खान के साथ सैय्यद ज़ाकिर हुसैन, डॉ. भीष्म प्रकाश शर्मा, ज़ुबैर खान, दिव्यांश शर्मा फ़राज खान, अनिला शर्मा एवं अन्य उपस्थित थे।
संस्थापक, मो. सज्जाद खान ने बताया कि नशा, एक ऐसी बीमारी है जो कि युवा पीढ़ी को लगातार अपनी चपेट में लेकर उसे कई तरह से बीमार कर रही है। शराब, सिगरेट, तम्बाकू एवं ड्रग्स जैसे जहरीले पदार्थों का सेवन कर युवा वर्ग का एक बड़ा हिस्सा नशे का शिकार हो रहा है। आज के समय में फुटपाथ और रेल्वे प्लेटफार्म पर रहने वाले बच्चे भी नशे की चपेट में आ चुके हैं। महिलाओं द्वारा भी मादक पदार्थों का बहुत अधिक मात्रा में सेवन किया जाता है। व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में तनाव, प्रेम संबंध, दांपत्य जीवन व तलाक आदि कारण, महिलाओं में नशे की बढ़ती लत के लिए जिम्मेदार है।
लोग सोचते हैं कि वो बच्चें कैसे नशा कर सकते है जिनके पास खाने को भी पैसा नहीं होता। परंतु नशा करने के लिए सिर्फ मादक पदार्थो की ही जरुरत नहीं होती, बल्कि व्हाइटनर, नेल पॉलिश, पेट्रोल आदि की गंध, सुलोशन इत्यादि हैं। बच्चे देश का भविष्य हैं, इन्हें नशे से दूर रखना चाहिए। नशे की लत ने इंसान को उस स्तर पर लाकर खड़ा कर दिया है कि अब व्यक्ति मादक पदार्थों के सेवन के लिए किसी भी हद तक जाकर जुर्म भी कर सकता है।
संस्थापक, मो. सज्जाद खान ने यह भी बताया कि सरकार द्वारा भारत के सभी राज्यों में नशामुक्ति केन्द्र खुलवा दिए गए हैं, जो नशे से छुटकारा पाने के लिए बहुत उपयोगी है। साथ ही खुलेआम बिकने वाले नशीले पदार्थ, सुलोशन पर भी संस्था, अंकुश लगाने की मांग शासन से करती है।
आजके कार्यक्रम में संस्थापक, मो. सज्जाद खान के साथ सैय्यद ज़ाकिर हुसैन, डॉ. भीष्म प्रकाश शर्मा, ज़ुबैर खान, दिव्यांश शर्मा फ़राज खान, अनिला शर्मा एवं अन्य उपस्थित थे।