BY: एजेंसी
चंडीगढ़: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने गुरुवार को केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में पद्म विभूषण पुरस्कार वापस कर दिया।बादल ने अपने जीवन में किसानों के योगदान का जिक्र करते हुए भारत सरकार पर उनके साथ धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। बादल के अलावा सिरोमणी अकाली दल चीफ और राज्य सभा सांसद सुखदेव सिंह ढींढसा ने भी पद्म विभूषण सम्मान लौटा दिया है। कृषि कानूनों के विरोध में ही अकाली दल के कोटे से मोदी सरकार में मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफा दे दिया था।
शिरोमणि अकाली दल के नेता बादल ने कहा, ”मैं जो हूं, वो जनता के कारण हूं, खासतौर पर आम किसान के कारण। आज जब उसने अपने सम्मान से ज्यादा खोया है तो ऐसे में मुझे पद्म विभूषण पुरस्कार रखने का कोई औचित्य नहीं समझ आता।” पार्टी ने एक बयान में कहा, ”प्रकाश बादल ने भारत सरकार द्वारा किसानों के साथ की गई धोखाधड़ी, बेरूखी और कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के चल रहे शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक आंदोलन पर सरकार के रुख के विरोध में पद्म विभूषण लौटा दिया है।” बादल ने कहा कि किसान जीने के अपने मूलभूत अधिकार की रक्षा के लिए कड़ाके की ठंड में कड़ा संघर्ष कर रहे हैं। अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल के साथ राजनीतिक मतभेद के बाद शिरोमणी अकाली दल से राहें अलग करने वाले वरिष्ठ नेता सुखदेव सिंह ढींढसा को 2019 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्म विभूषण सम्मान दिया था।