- एमएसपी गारंटी का कानून बनाकर कृषि कोर्ट की स्थापना की जावे: शत्रुहन साहू
धमतरी: केंद्र की भाजपा सरकार के द्वारा पारित किसान विरोधी तीनों कृषि बिल को वापस लेने दिल्ली के बॉर्डर में चल रहे किसान आंदोलन के 12 वे दिन आज 8 दिसम्बर को देश भर के किसान संगठनों के संयुक्त तत्वधान में भारत बंद का आवाहन किया गया है जिस के समर्थन करते हुए आम आदमी पार्टी के द्वारा किसान विरोधी तीनों कृषि कानून को काला कानून करते हुए दहन कर 5 सूत्री मांगों का ज्ञापन महामहिम राष्ट्रपति के नाम पर एसडीएम धमतरी को सौंपा इस मौके पर अधिवक्ता शत्रुहन साहू (प्रदेश अध्यक्ष किसान प्रकोष्ठ एवं प्रदेश सह संयोजक आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़) ने कहा कि देश भर के हजारों किसान अपने परिवार सहित दिसंबर के इस कड़कड़ाती ठंड में खेत खलिहान को बर्बाद करने वाले कृषि कानून को वापस लेने के लिए दिल्ली के बॉर्डर पर सड़कों पर डटे हुए इसके विपरीत केंद्र सरकार जो किसानों की आय दुगनी करने के जुमले पर सरकार बनाया है और किसान हितैषी होने का झूठी दिखावा कर रही है के द्वारा केवल बैठक के नाम पर तारीख पे तारीख बढ़ाई जा रही है जिसके विरोध में आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ के द्वारा किसान संगठनों के मांग को जायज ठहराते हुए भारत बंद का पूर्णता समर्थन करती है और केंद्र सरकार से मांग करती है कि वह किसानों के हित में इस काले कानून को वापस ले और न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी का कानून बना कर प्रत्येक जिलों में कृषि कोर्ट की स्थापना करें जिससे किसानों को उनकी उपज का उचित दाम मिल सके.

जिला प्रभारी निशांत भट्ट, सत्यम पूरी गोस्वामी ने कहां की इस बिल से केवल किसानों को नुकसान नहीं है अपितु देश की आवाम को भी भारी नुकसान उठाना पड़ेगा इसलिए यह लड़ाई केवल किसानों की नहीं हम सब की है।
कृष्ण कांत सतवंत महिलांग, ललित नगारची ने कहा केंद्र सरकार के द्वारा इन बिलो के संबंध में जो बातें कहीं जा रही है वह किसानों को गुमराह करने वाली है इससे किसानों को पूरा नुकसान होगा असल में सरकार की मंशा किसानों को बड़ी-बड़ी कंपनियों के अधीन लाने का प्रतीत होता है एक तरीके से किसान अपने ही खेत पर मजदूर की तरह हो जाएंगे।
मनोज नगारचि, ओम प्रकाश पाल शिव नारायण धर्मेन्द्र ने कहा कि यह बिल खेती-किसानी के लिए जानलेवा है: मोदी सरकार ने किसान और खेती विरोधी एक क्रूर ‘काला बिल लाकर हरित क्रांति’ को हराने की घिनौनी साजिश की हैं ‘ किसान विरोधी इस बिल के द्वारा सरकार खेत – खलिहान को पूंजीपतियों के हाथ गिरवी रख पूँजीपत्तियो की तिजौरी को भरने का षडयंत्र कर रही है हम केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि किसानो के हित में इस बिल को वापस ले।
हमारी मांग:
(1) न्यूनतम समर्थन मूल्य का अधिकार की गारंटी देने का कानून लागू किया जाये।
(2) MSP के नीचे खरीदने वालो पर FIR दर्ज करने की व्यवस्था की जाये।
(3) प्रत्येक जिले में कृषि कोर्ट की स्थापना की जावे
(4) स्वामिनाथन रिपोर्ट को लागू किया जाये।
(5) तीनों कृषि कानून को वापस लिया जाये।