BY: मुज़्ज़म्मिल खान
- आरोप की जांच में दोषी पंचायत सचिव पर अब तक क्यों नहीं हुई कार्यवाही?
- पूर्व पंचों की मानदेय राशि गबन का था मामला।
- जनपद अधिकारी सचिव को बचाने में क्यों लगे हैं।
छुरिया: पंचायत जनपद पंचायत छुरिया ग्रामीणों की विश्वास पर खरा नहीं उतर पा रहा है किसी ना किसी पंचायत संबंधित शिकायतें लगातार आ ही रहा है पर कार्यवाही शुन्य नजर आ रही हैं। इसी वजह से ग्रामीण अपनी गुहार लगाने जिला कलेक्टर का दरवाजा खटखटाया जा रहा हैं। इससे पहले जनपद पंचायत की छवि ऐसी धूमिल नहीं हुई थी। ज्ञात हो कि ग्राम पंचायत बोईरडीह के पंचायत सचिव ललित कुमार जांगड़े के द्वारा पंचायत के पूर्व पंचों की मानदेय राशि को 15 अगस्त 2020 के पूर्व बैंक से आहरण कर चुका था जिसमें ग्राम पंचायत बोइरडीह के आश्रित ग्राम तेंदुटोला के पांच पंचों की मानदेय राशि को तीन माह से अधिक समय बीत जाने बाद भी भुगतान नहीं किया गया था। जिसकी शिकायत बाद 28/ 10/20 को ग्राम पंचायत बोईरडीह में जनपद पंचायत छुरिया के अधिकारियों के द्वारा जांच किया गया था जिसमें पूर्व पंचों की मानदेय राशि का भुगतान बाकी होना जो सचिव से वसूली योग्य पाया गया और उक्त राशि को दो माह से अधिक समय तक अपने पास रखने के लिए दोषी पाया गया वहीं जांच अधिकारियों के द्वारा पंच/ सरपंच मानदेय भुगतान की प्रमाणिक मांगे जाने पर वाउचर प्रस्तुत नहीं किया गया एवं वाउचर को पूर्व सरपंच के पास होना बताया गया जो पंचायत सचिव की पदीय कर्तव्य की घोर लापरवाही है।
- सचिव पर सख्त कार्यवाही के लिए यहां-यहां हुई शिकायत:
जिला कलेक्टर राजनांदगांव, मुख्य कार्यपालन अधिकारी राजनांदगांव, क्षेत्रीय विधायक विधानसभा क्षेत्र खुज्जी, मानव अधिकार आयोग छत्तीसगढ़ शासन रायपुर, महिला आयोग छत्तीसगढ़ शासन रायपुर, इन सभी जगहों पर पंचायत सचिव ललित कुमार जांगड़े के ऊपर सख्त कार्यवाही किए जाने के लिए पूर्व पंचों ने गुहार लगाई है ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत सचिव ललित कुमार जांगड़े का ग्राम पंचायत झिथराटोला में पाइप भुगतान राशि में गबन किये जाने की जांच में भी दोषी पाया गया है। समझ से परे यह की दो ग्राम पंचायतों में एक ही सचिव के द्वारा राशि गबन मामले जांच में दोषी पाए जाने बाद भी अभी तक जनपद पंचायत अधिकारियों के द्वारा सचिव पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई अगर शिकायत कर्ताओं को जनपद पंचायत अधिकारियों की ओर से दोषी सचिव पर कार्यवाही की गई होती तो आज उन्हें कलेक्टर और अन्य जगहों पर शिकायत नहीं करना पड़ता जो जनपद पंचायत छुरिया के लिए बहुत ही गंभीर मसला है ।
