BY: RAVI BHUTDA
बालोद/रायपुर: सूबे के मुखिया भूपेश बघेल ने प्रदेश में हरेली त्यौहार से गोधन न्याय योजना की शुरुआत की थी। प्रदेश के 4 हजार 487 गौठानों में गोबर खरीदी की शुरुआत की गई हैं। अब तक प्रदेश में 8 हजार क्विंटल वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन गौठानों में हुआ हैं। 1 हजार क्विंटल वर्मी कंपोस्ट की बिक्री भी हुई हैं। भूपेश सरकार ने गौठानों में उत्पादित वर्मी कंपोस्ट की न्यूनतम विक्रय दर 8 रुपए प्रति किलो से बढ़ाकर न्यूनतम10 रुपए प्रति किलोग्राम कर दी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर कृषि उत्पादन आयुक्त ने इस आशय का आदेश जारी कर दिया गया है। गौरतलब हो कि प्रदेश में इस साल हरेली पर्व से देश की अपनी तरह की पहली गोबर खरीदी की अभिनव योजना गोधन न्याय योजना प्रारंभ की गई है, जिसके तहत 2 रुपए प्रति किलोग्राम पर ग्रमीणों, किसानों और पशुपालकों से गोबर खरीदी की जा रही है। गोधन न्याय योजना में अब तक 1.36 लाख गोबर विक्रेताओं को उनसे खरीदे गए गोबर के मूल्य के रूप में 59.08 करोड़ रूपए का भुगतान मुख्यमंत्री द्वारा ऑनलाइन उनके खातों में किया जा चुका है।छत्तीसगढ़ सरकार की सुराजी गांव योजना के तहत प्रदेश में स्वीकृत 6 हजार 430 गौठानों में से 4 हजार 487 गौठानों में गोबर खरीदी का कार्य किया जा रहा है। खरीदे गए गोबर से वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए गौठानो में अब तक 44 हजार टांकों का निर्माण किया गया है और 16 हजार टांके बनाए जा रहे हैं। अब तक प्रदेश में 8 हजार क्विंटल वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन गौठनों में हो चुका है और 1 हजार क्विंटल वर्मी कंपोस्ट की बिक्री की जा चुकी है। प्रदेश के हजारों महिला स्व सहायता समूह गौठनों में गोबर से वर्मी कंपोस्ट तैयार करने का काम कर रहे हैं। वर्मी कंपोस्ट की न्यूनतम विक्रय दर में वृद्धि से उनकी आय में इजाफा होगा। इस योजना के तहत राज्य शासन द्वारा प्रदेश के हर जिले में वर्मी कंपोस्ट की गुणवत्ता की जांच के लिए प्रयोगशाला स्थापित करने की भी योजना है।