BY: RAVI BHUTDA
बालोद: जिले के डौंडी ब्लॉक में हाथियों का आतंक लगातार जारी हैं। इस बार हाथियों के दल ने एक युवक को मौत के घाट उतारा हैं। घटना बुधवार-गुरुवार के बीती देर रात की हैं। घटना से क्षेत्र में दहशत का माहौल व्याप्त हैं। मिली जानकारी अनुसार डौंडी ब्लॉक के ग्राम खल्लारीटोला निवासी डोमेन्द्र कुमार ध्रुवे को बीती रात हाथियों के झुंड ने अपने पैरों से कुचला एवं सूंड से उठाकर फेका। जिससे उक्त युवक की मौके पर ही मौत हो गई। वन विभाग की निष्क्रियता के चलते युवक की मौत से ग्रामीणों में भारी आक्रोश हैं। दरअसल चंदा हाथियों के दल में से 12 हाथियों के दल ने जिले में एक बार फिर से वापसी की है। इससे पूर्व हाथियों के दलों ने ग्रामीणों के घरों को और फसलों को भी तबाह किया है। कुछ मवेशियों को भी मौत के घाट उतारा है। लेकिन अब ग्रामीण युवक की मौत के बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल व्याप्त है। वही वन विभाग हाथियों के दलों को जंगल की ओर रुख करने तथा स्थाई कार्यवाही करने में नाकामयाब साबित हो रहा है। वन विभाग की निष्क्रियता के चलते उक्त घटना घटी हैं। घटना स्थल सहित आसपास के क्षेत्र विभाग का एक जिम्मेदार अधिकारी मौजूद नही था और सबसे बड़ी बात यह कि जिले के नए वनमण्डलाधिकारी मयंक पांडे ने अब तक ज्वानिंग नही ली हैं। 8 दिसम्बर को शासन वन विभाग में थोक में तबादला आदेश जारी किया था। जिसमें कई डीएफओ इधर से उधर हुए थे। जारी आदेश में तात्कालिक वनमण्डाधिकारी सतोविशा समाजदार का तबादला बालोद से धमतरी तो वही मयंक पांडे को महासमुंद से बालोद किया गया था। तबादला आदेश को निकले बीते 10 दिन हो गए है। लेकिन अब तक जिले के नए डीएफओ मयंक पांडे ने चार्ज नही लिया हैं। बालोद जिले की कमान नही संभाली है। आपको बता दे की तात्कालिक डीएफओ श्रीमती सतोविशा समाजदार के रहते कोई भी ग्रामीण हाथियों के दलों से हताहत नही हुआ था। स्वयं सतोविशा समाजदार क्षेत्र में रहकर रतजगा कर निगरानी किया करती थी और ग्रामीणों को लगातार अलर्ट किया करती थी। जिसकी वजह से अभी तक कोई जनहानि जैसी घटना नही घटी थी। लेकिन 10 दिनों के बाद नए डीएफओ ने जिले का चार्ज नही लिया हैं। जिससे इसे साफ साफ विभाग की निष्क्रियता के रूप में देखा जा रहा हैं।