BY: RAVI BHUTDA
बालोद: प्रदेश में भूपेश सरकार के दो साल पूर्ण हो गए हैं। भूपेश बघेल के नेतृत्त्व में 2 वर्ष में प्रदेश में चौतरफा विकास हुआ हैं। प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता व भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री बनने के बाद विकास की गति तेजी से आगे बढ़ी है। प्रदेश के हर क्षेत्र में विकास के कार्य हो रहे हैं। अंतिम छोर में बैठे व्यक्ति को योजनाओं का लाभ मिल पा रहा है। जिले में भी विकास की गंगा बही हैं। भूपेश की महत्त्वकांक्षी नरवा, गरुवा, घुरवा अऊ बाड़ी योजना कोरोना लॉक डाउन के समय में ग्रामीणों के लिए संजीवनी बूटी साबित हुई हैं। ग्रामीण अंचलों में लोग इस योजना से आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं। हर क्षेत्र में भरपूर विकास कार्य हुए हैं। जल संसाधन विभाग द्वारा जिले में कुल 17 लाइनिंग का कार्य किया जा रहा है। जिसके पूर्ण होने से कुल 3 हजार हेक्टेयर रकबे में अतिरिक्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा जिले में मिनीमाता अमृतधारा योजना के तहत 1 हजार 932 बीपीएल परिवारों को निःशुल्क नल कनेक्शन प्रदाय किया गया हैं। विगत 2 वर्षों में 29 नलजल योजनाएँ की स्वीकृति प्राप्त हुई है। जिसके माध्यम से ग्रामवासियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध होगा। वही जल संसाधन विभाग द्वारा जिले में कुल 17 लाइनिंग का कार्य किया जा रहा है जिसके पूर्ण होने से कुल 3 हजार हेक्टेयर रकबे में अतिरिक्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। अर्जुन्दा में कृषि महाविद्यालय की सौगात भी जिले के लिए बड़ी उपलब्धि हैं।

◆ बालोद जिले में प्रदेश सरकार के दो वर्ष में हासिल उपलब्धियां–:”
- राजीव गांधी किसान न्याय योजना अंतर्गत 273 करोड़ की राशि किसानों के बैंक खातों में अंतरित कर किया गया लाभान्वित:
कांग्रेस ने सत्ता में आते ही सबसे पहले किसानों का कृषि ऋण माफ किया। जिले के 99 हजार 816 किसानों का लगभग 344 करोड़ 24 लाख 92 हजार रूपए अल्पकालीन कृषि ऋण माफ किया गया। किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने तथा फसल उत्पादकत में वृद्धि के उद्देश्य से प्रदेश में राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू की गई। जिसके तहत जिले के लगभग 1 लाख 23 हजार किसानों को तीन किश्तों में लगभग 273 करोड़ की राशि उनके बैंक खातों में अंतरित कर लाभान्वित किया गया है। जिले में दो सालों में धान बेचने वाले किसानों की संख्या 1 लाख 11 हजार 933 से बढ़कर 1 लाख 30 हजार 888 हो गई है। धान का पंजीयन रकबा भी 1 लाख 53 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 1 लाख 53 हजार 928 हेक्टेयर हो गया है। धान खरीदी केन्द्रों की संख्या 110 से बढ़ाकर 126 की गई है। इससे किसानों को धान विक्रय में आसानी हो रही है। धान खरीदी केन्द्रों में धान को सुरक्षित रखने के लिए 378 चबूतरा का निर्माण किया गया है। इतना ही नही गरीब और अमीर सभी परिवारों को खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती 2 अक्टूबर 2019 को सार्वभौम पीडीएस का क्रियान्वयन शुरू किया गया। जिले के गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले 1 लाख 61 हजार 406 परिवारों को तथा 31 हजार 792 एपीएल परिवारों को राशन कार्ड जारी किया गया।
- नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी योजना के तहत जिले में अब तक 181 गौठान का हुआ निर्माण :
भूपेश सरकार के दो वर्ष के कार्यकाल में नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी योजना से प्रदेश के गांव और शहरो की जनता लाभान्वित हो रही है। इस योजना से जिले में ग्रामीण आर्थिक रूप से सुदृढ बन रहे हैं। महिलाओं के लिए यह योजना मददगार साबित हो रही हैं। जिले में अब तक 181 गौठान निर्मित किए गए हैं। गौठानों में मवेशियों के लिए उचित रखरखाव जैसे छाया व्यवस्था, स्वच्छ जल, हरा चारा, पैरा की व्यवस्था की गई है। वही समय-समय पर पशु चिकित्सा शिविर लगाकर पशुओं का उपचार किया जाता है। अब तक गौठान परिसरों के समीप 104 चारागाह का निर्माण किया जा चुका है। गौठानो में 2 हजार 565 वर्मी टांका का निर्माण किया जा चुका है। जिसमें वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन किया जा रहा है। इतना ही नही गोधन न्याय योजना के तहत जिले के 140 गौठानों में गोबर की खरीदी की जा रही है। अब तक 1 लाख 26 हजार 171 क्विंटल गोबर की खरीदी की जा चुकी है। जिसका भुगतान भी विक्रेताओं को किया जा चुका हैं। गोबर विक्रय कर 14 हजार 254 पशुपालक किसान लाभान्वित हुए हैं। खरीदे गए गोबर से अब तक लगभग 1 हजार 570 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट तैयार कर लिया गया है। बाड़ी विकास कार्यक्रम के तहत जिले में राज्य पोषित योजना के अंतर्गत कुल 4 हजार 163 बाड़ी निर्माण का कार्य किया गया हैं। जिसमें खरीफ मौसम में बाड़ी हितग्राहियों द्वारा बाड़ी से उत्पादित सब्जियों को घरेलु उपयोग के साथ-साथ स्थानीय बाजार में विक्रय कर आमदनी अर्जित की गई हैं। जिले में कुल 40 सामुदायिक बाड़ी रकबा 25.47 हेक्टेयर का निर्माण किया गया हैं। जिसमें महिला स्व-सहायता समूह की महिलाएं कार्य कर आर्थिक रूप से मजबूत हो रही है।
- कुपोषण की दर में 4.64 प्रतिशत की आई कमी:
मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान अंतर्गत जिला प्रशासन की सराहनीय पहल से जिले के 185 आंगनबाड़ी केन्द्रों में टिफिन के माध्यम से गर्म भोजन उपलब्ध कराया जा रहा हैं। जिसमें 3 हजार 172 हितग्राही लाभान्वित हो रहे हैं। जिले में कुपोषण की दर में विगत वर्ष की तुलना में 4.64 प्रतिशत की कमी आई हैं। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का शुभारंभ 2 अक्टूबर 2019 को किया गया था। जिले में कुपोषण मुक्त अभियान अंतर्गत जिले के कुपोषित बच्चों तथा एनीमिक महिलाओं का चिन्हांकन किया गया हैं।
- आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय की स्थापना:
जिले में शिक्षा के क्षेत्र में भी चौतरफा विकास हुआ हैं। अंग्रेजी माध्यम विद्यालय की स्थापना के साथ छात्र-छात्राओं के लिए ऑनलाईन कक्षा का संचालन किया जा रहा हैं। कक्षा चौंथी से कक्षा दसवीं तक छात्र-छात्राओं के लिए ऑनलाईन कक्षा का संचालन किया जा रहा है। जिला मुख्यालय बालोद के आमापारा में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय की स्थापना की गई है। अंग्रेजी माध्यम स्कूल में वर्तमान में कुल दर्ज संख्या 398 है।
- जिले के दिव्यांगजनों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना से पहुंचा लाभ:
कांग्रेस के 2 वर्ष के शासनकाल में दिव्यांगजनों के उन्नति के लिए (उत्करणीय) कार्य किये गए हैं। अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस 3 दिसम्बर 2020 के अवसर पर राज्य स्तरीय पुरस्कार में बालोद जिले को दिव्यांग व्यक्तियों के उत्कृष्ट कार्य हेतु सर्वोत्तम जिले से सम्मानित किया गया हैं। जिले के कुल 4 हजार 29 दिव्यांगजनों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत् लाभान्वित किया गया है। इतना ही नही इंदिरा गांधी राष्ट्रीय दिव्यांग पेंशन योजना के तहत् कुल 213 दिव्यांगजनों को लाभान्वित किया गया है। जिले के 4 हजार 590 दिव्यांगजनों को विशिष्ट पहचान पत्र (यूडीआईडी) जारी किया गया है।
- भूपेश सरकार ने जिले में कुल 812 सामुदायिक वन अधिकार पत्र अंतर्गत 98002.165 हेक्टेयर भूमि वितरण किया गया है। जिले के आदिवासी विकासखण्ड डौण्डी के ग्राम कुमुड़कट्टा एवं कोकान में कुल 1080.836 हेक्टेयर भूमि 2 सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र वितरण किया गया है। सामुदायिक वन अधिकार पट्टा मिलने से ग्राम में निवासरत व्यक्तियों को रोजगार मिलने के साथ-साथ उनके आय में भी वृद्धि हुई है। कोरोना काल में बालोद वन विभाग ने तत्कालिक डीएफओ श्रीमती सतोविशा समाजदार के मार्गदर्शन में सराहनीय कार्य किया हैं। कोरोनाकाल में वन संग्रहकों से वनोपजों की घर बैठे खरीदी की गई हैं। पेमेंट भी ऑन लाइन भुगतान किया गया हैं।
- रोजगार गारंटी योजना से मिला रोजगार:
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना जिले में मनरेगा से इस वर्ष अब तक लगभग 1 लाख 36 हजार परिवारों के 2 लाख 42 हजार श्रमिकों को काम 48 लाख 80 हजार मानव दिवस रोजगार का सृजन किया गया। जिले में इस साल 3 हजार 240 परिवारों को 100 दिनों का रोजगार दिया गया। वन अधिकार पट्टाधारी 127 परिवारों को भी 100 दिनों से अधिक का रोजगार दिया गया है। बालोद वन मण्डल अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 में खारून नदी तट वृक्षारोपण के कार्य हेतु मनरेगा मद के तहत 6 हजार 255 पौधों का रोपण किया गया। वर्तमान में रखरखाव कार्य प्रगति पर है। नदी तट वृक्षारोपण कार्य से मिट्टी के कटाव में कमी आई है तथा आसपास के ग्रामीणों को रोजगार प्राप्त हुआ है।
- मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना से 1002 मरीजों का हुआ उपचार:
कोरोना काल में संक्रमण से बचाव हेतु जिले के 57 हजार 766 लोगों को औषधि काढ़ा का सेवन करवाया गया हैं। जिले में कोरोना काल में भी भूपेश सरकार सजगता से इस महामारी का सामना करते हुए कोरोना संक्रमण से बचाव एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुष विभाग द्वारा 57 हजार 766 लोगों को औषधि काढ़ा का सेवन कराया गया हैं तथा 3 हजार 284 लोगों को आयुष क्वाथ पैकेट का वितरण किया गया हैं। मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना से जिले के 1 हजार 02 मरीजों का उपचार कर लाभान्वित किया गया हैं।
- जिले का मत्स्य उत्पादन 14258.4 मेट्रिक टन से बढ़कर हुआ 29392.36 मेट्रिक टन:
भूपेश सरकार में मछली पालन के क्षेत्र में काफी सराहनीय काम किया गया हैं। जिसके फलस्वरूप जिले के कुल 2022.596 हेक्टेयर जलक्षेत्र से 18590.46 हेक्टेयर जलक्षेत्र में मत्स्य पालन जारी है। पंजीकृत मछुआ सहकारी समितयों की संख्या 70 से बढ़कर 91 समितियों का पंजीयन किया गया हैं। जिले का मत्स्य उत्पादन 14258.4 मेट्रिक टन से बढ़कर 29392.36 मेट्रिक टन हुआ हैं। जिले के शत प्रतिशत पंजीकृत मछुआ सहकारी समितियों को मत्स्याखेट उपकरणों की सहायता दी गई हैं। जिले के चिन्हित 1 हजार 570 फुटकर मत्स्य विक्रेताओं को फुटकर मत्स्य विक्रय सामग्री (आइसबॉक्स) की सहायता दी गई हैं।