जगदलपुर । बस्तर गोंचामहापर्व में आज हेरा पंचमी मनाई जा रही है। भगवान बलभद्र, महाप्रभु जगन्नाथ और देवी सुभद्रा अपने वार्षिक प्रवास के दौरान मौसी माँ के घर यानी गुंडिचा मंदिर में है। आज हेरा पंचमी के अवसर पर देवी लक्ष्मी ने भगवान जगन्नाथ पर उन्हें श्रीमंदिर में अकेले छोडऩे और अपने भाई-बहनों के साथ अपनी मौसी माँ के निवास पर रहने के लिए नाराज हो जाती है। हेरा पंचमी के अनुष्ठान के अनुसार अपने अकेले पन से परेशान देवी लक्ष्मी भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने के सुशोभित पालकी में सवार होकर शोभायात्रा की शक्ल में शाम लगभग 6.30 बजे गुंडिचा मंदिर जाएंगी।
मंदिर पहुंचने के बाद माता लक्ष्मी की पालकी महाप्रभु जगन्नाथ के रथ नंदीघोष के पास रुकेगी। जहां उसका स्वागत सेवादारों द्वारा किया जाएगा। जिसके बाद देवी लक्ष्मी को ‘भगवान जगन्नाथ के पास ले जाया जाएगा, वही नाराज माँ लक्ष्मी का अपने पति स्वामी जगन्नाथ प्रभु से बहुत वाद विवाद होता है जहां उन्हें प्रभु की ओर से सेवकों से एक आज्ञा माला (सहमति की एक माला) प्राप्त होगी जो देवी को श्रीमंदिर में लौटने का आश्वासन देगी। तत्पश्चात सेवकों (पुजारी) के द्वारा माँ लक्ष्मी जी की पूजा अर्चना कर यह रस्म निभाई जाएंगी। इस अनुष्ठान के अनुसार लौटते समय, वह अपने सेवादारों से नंदीघोष के एक हिस्से को तोडऩे के लिए कहेगी और बाद में मुख्य द्वार से गुप्त रूप से श्रीमंदिर लौट आएगी।