BY: एजेंसी
नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को कृषि कानूनों के विरोध में 2 करोड़ लोगों का हस्ताक्षर सौंपने जा रहे राहुल गांधी और अन्य कांग्रेसी नेताओं के मार्च को दिल्ली पुलिस ने रोक दिया. दिल्ली पुलिस ने इस दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और अन्य कांग्रेस नेताओं को हिरासत में ले लिया. पुलिस इसके बाद प्रियंका गांधी समेत अन्य नेताओं को एक बस में बिठाकर ले गई. थोड़ी देर बाद ही उन्हें छोड़ दिया गया.
कांग्रेस के सभी सांसद किसानों के समर्थन में दिल्ली में विजय चौक से पैदल मार्च करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने जा रहे थे. इस दौरान दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस नेताओं को रोक दिया, वहीं राहुल गांधी और सिर्फ दो नेताओं को राष्ट्रपति भवन जाने की अनुमति मिली है. राहुल गांधी ने राष्ट्रपति से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा. इसके बाद राहुल गांधी ने कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार पर हमला जमकर बोला.
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन 29वें दिन भी जारी है और किसान लगातार कानूनों की वापसी की मांग कर रहे हैं. आंदोलनकारी किसानों और सरकार के बीच एक राय बनती नहीं दिख रही है. आंदोलन कर रहे किसानों ने स्पष्ट ऐलान किया है कि वो संशोधन नहीं चाहते और कृषि कानूनों की वापसी के बगैर चर्चा संभव नहीं है. इसके साथ ही किसानों की मांग है कि सरकार एमएसपी पर कानून बनाए. वहीं दूसरी ओर सरकार ये बताने की कोशिश में है कि नए कानून किसानों के हित में है और ज्यादातर किसान इसे समझते भी हैं.
राहुल गांधी ने कहा, ‘राष्ट्रपति से हमने कहा है कि इन कानूनों से किसानों को नुकसान होने वाला है. देश को दिख रहा है कि किसान कानून के खिलाफ खड़ा है. मैं प्रधानमंत्री से कहना चाहता हूं कि किसान हटेगा नहीं, जब तक कानून वापस नहीं होगा तब तक कोई वापस नहीं जाएगा.’ राहुल गांधी ने कहा, ‘सरकार संसद का संयुक्त सत्र बुलाए और इन कानूनों को तुरंत वापस लें. राहुल ने कहा कि आज किसान दुख और दर्द में हैं, कुछ किसानों की मौत भी हुई है.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा, ‘इस सरकार के खिलाफ किसी भी तरह के असंतोष को आतंकवादी तत्वों के रूप में वर्गीकृत किया गया है. हम किसानों के समर्थन में आवाज बुलंद करने के लिए यह मार्च कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘जवान किसान का बेटा होता है, जो किसानों की आवाज ठुकरा रहा है और अपनी जिद्द पर अड़ा हुआ है, जबकि देश का अन्नदाता बाहर ठंड में बैठा है. इस सरकार के दिल में क्या जवान, किसान के लिए आदर है या सिर्फ अपनी राजनीति, अपने पूंजीपति मित्रों का आदर है?