BY: एजेंसी
नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस की वैक्सीन के लिए लंबे समय से इंतजार कर रहे लोगों के लिए राहत की खबर है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) प्रमुख अदार पूनावाला ने सोमवार को बताया है कि अभी एसआईआई के पास 4-5 करोड़ कोविशील्ड की खुराकें तैयार हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही ‘कोविशील्ड’ को सरकार इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे देगी। अदार पूनावाला ने कहा, हमारे पास पहले से ही कोविशील्ड की 4-5 करोड़ खुराकें हैं। एक बार हमें कुछ दिनों में रेग्युलेटरी अप्रूवल मिल जाएगी, तो उसके बाद सरकार के ऊपर यह जिम्मेदारी रहेगी कि वह कैसे और कितनी जल्दी इसे खरीदती है। हम जुलाई 2021 तक 30 करोड़ खुराक बना लेंगे।
उन्होंने आगे बताया कि भारत ‘कोवैक्स’ का हिस्सा है। इस वजह से हम जो भी बनाएंगे, उसमें 50 फीसदी भारत और कोवैक्स देशों के लिए होगा। भारत एक बड़ी जनसंख्या वाला देश है और हो सकता है कि भारत को सबसे पहले 5 करोड़ खुराक दें। पूनावाला ने बताया कि साल 2021 के पहले छह महीनों में पूरी दुनिया में वैक्सीन की शॉर्टेज देखने को मिलेगी। कोई उसमें मदद नहीं कर सकता है। लेकिन अगस्त-सितंबर, 2021 में जब अन्य वैक्सीन निर्माता भी सप्लाई शुरू कर देंगे तो इसमें टीके के उपलब्ध होने में आसानी होगी। केंद्रीय ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) की विषय विशेषज्ञ समिति (एसकेएससीओ) इस सप्ताह ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे सकती है। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी है। बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया भारत में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोरोना वायरस वैक्सीन का निर्माण और परीक्षण कर रहा है। पिछले सप्ताह राष्ट्रीय ड्रग्स नियामक को अतिरिक्त डेटा जमा किया था। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक सरकारी अधिकारी ने सहयोगी अखबार ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ से कहा कि इस सप्ताह विषय विशेषज्ञ समिति की बैठक बुलाई जाने की संभावना है। ऐसे में माना जा रहा है कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन भारत में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी पाने वाली वाली पहली वैक्सीन हो सकती है।
यह पूछे जाने पर कि क्या कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिलने के संबंध में कोई चिंता है, पूनावाला ने कहा, नियामक डेटा का मूल्यांकन कर रहे हैं, बहुत से लोग मुद्दों को उठाते रहते हैं। कोई चिंता की बात नहीं है। 92 से 95 फीसदी वैक्सीन प्रभावी है। ब्रिटेन में वैक्सीन का इमरजेंसी इस्तेमाल दिसंबर अंत या जनवरी में हो सकता है और यही हम भारत के लिए भी उम्मीद कर रहे हैं। हमें कुछ अच्छी खबरों के लिए इंतजार करना चाहिए।