कांग्रेस ने शिवराज से पूछा ने भाजपा का क्या रिश्ता है?*
भोपाल, (अरुण पटेल). प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष पूर्व मंत्री जीतू पटवारी और मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अभय दुबे ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने चीनी कम्युनिस्ट का साथ निभाते हुए भारत के हितों को आघात पहुंचाया है। इन नेताओं ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पूछा है कि वह बताएं चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से भाजपा की क्या सांठगांठ है ।
पटवारी एवं दुबे ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए आरोप लगाया कि केन्द्र की भाजपा सरकार ने देश को 6 सालों में 60 साल पीछे धकेल दिया है। सीमा की सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, रोजगार, सामाजिक तानाबाना, संवैधानिक संस्थाएँ, खेती किसानी सब कुछ खतरे में है। आज चीन भारत की सीमाओं में अन्दर तक घुस आया है और मोदी सरकार भारत की अस्मिता, अखण्डता और सम्प्रभुता से समझौता करके चीन के पक्ष में खड़ी हो गई है। चीन का पक्ष भाजपा इस हद तक ले रही है कि चीन के विश्ववासघात पर पर्दा डालने के लिए झूठे तथ्यों का सहारा लेकर काँग्रेस और कमलनाथ जी की छवि पर आघात किया जा रहा है। भारत चीन सीमा विवाद के बारे में उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि चीन ने भारत की सीमा में गलवान घाटी के 80 किलोमीटर साउथ वेस्ट में गोगरा पोस्ट पेट्रोलिंग पाॅइंट 14, 15, 17-ए और चुशूल में लाइन आॅफ एक्चुअल कन्ट्रोल के भारत के हिस्से में कब्जा कर परमानेन्ट मिलेट्री इन्फ्रास्ट्रक्चर बना लिया है। चीन ने पैगोंग त्सो लेक के ऊपर गर एरिया में फिंगर 4 से 8 तक कब्जा कर रखा है और भारत को पेट्रोलिंग नहीं करने दी जा रही है। उन्होंने कहा कि हाल ही में दो दिन पहले चीन ने दौलत बेग ओल्डी की तरफ भारत की सीमा में 18 कि.मी. अन्दर वाय जंक्षन पर, जहाँ से दो रास्ते कटते हैं, पेट्रोलिंग प्वाॅइन्ट 10 और 13 तक चीन पहुँच गया है। इस स्थान के ऊपर विश्व की सबसे ऊँची भारत की हवाई पट्टी है जिस पर चीन की निगाह है ।
मोदी हैं चीन के पक्ष में
पटवारी और दुबे ने आरोप लगाया है कि इस सच्चाई को नकारते हुए मोदी जी चीन के पक्ष में जा खड़े हुए और उन्होंने बयान दिया कि ना ही कोई भारत की सीमा में घुसा है न ही कोई वहाँ मौजूद है।मोदी के देश के खिलाफ दिये गये इस बयान का चीन ने व चीनी मीडिया ने जोरदार स्वागत किया। पर खुद प्रधानमंत्री कार्यालय ने अपने वक्तव्य में इस बयान को खारिज कर दिया। इतना ही नहीं अपितु रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी एक टीवी इन्टरव्यू में इस तथ्य को स्वीकारा।
काँग्रेस पार्टी शिवराजसिंह चौहान से जानना चाहती है कि जून 2016 में 19 जून से 23 जून तक की आपकी चीन की यात्रा का खर्च चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने क्यों उठाया था ? क्या शिवराज सिंह बताएँगे कि कम्युनिस्ट पार्टी के किन नेताओं से उनकी गुप्त चर्चा हुई थी और उनके कहने पर मध्यप्रदेश में चीन की किन कम्पनियों को लाभ पहुँचाया गया। इसीलिए चीन की यात्रा से आने के बाद शिवराज सिंह चैहान ने यह ट्वीट किया था कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और भारतीय जनता पार्टी में जबरदस्त समानता है। देश और प्रदेश जानना चाहता है कि इन्वेस्टर्स मीट के नाम पर म.प्र. को धोखे में रखकर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से शिवराज जी ने क्या साँठगाँठ की है ।
वाणिज्य मंत्री रहते कमलनाथ जी ने की देश के हितों की रक्षा
पटवारी और दुबे ने दावा किया कि 2004 से 2009 के बीच कमलनाथ ने देश के वाणिज्य मंत्री रहते हुए न सिर्फ भारत के व्यापार को वैश्विक ऊँचाई पर पहुँचा दिया था अपितु भारत के किसानों और व्यापार को संरक्षण देने के लिए उनकी सराहना विपक्ष ने भी की। 2006 में विश्व व्यापार संगठन में जिनेवा में हुई बैठक में कमलनाथ जी ने साफ कर दिया था कि मैं डब्ल्यूटीओ की बैठक में भारतीय किसानों के हित में कुछ लेने आया हूँ, कुछ देने नहीं, क्योंकि विकसित देश चाहते थे कि भारत का बाजार विकसित देशों के लिए खोल दिया जाए और किसानों की सब्सीडी कम की जाए, मगर कमलनाथजी ने इससे साफ इन्कार कर दिया ।
उन्होंने यह आरोप भी लगाया मोदी सरकार जब सत्ता में आई थी जब चीन से भारत का ट्रेड डिफिसिट लगभग 30 बिलियन डाॅलर था, 5 साल में मोदी सरकार ने उसे बढ़ा कर (2017-18) 60 बिलियन डालर तक पहुँचा दिया। मोदी सरकार की पार्लियामेन्ट्री स्टैंडिंग कमेटी की रिपोर्ट, जो 26 जुलाई 2018 को लोकसभा में रखी गई, जिसमें यह चैंकाने वाला खुलासा हुआ कि मोदी सरकार ने डोमेस्टिक इंडस्ट्री को चीन का हित साधने के लिए पूरी तरह बर्बाद कर दिया। इतना ही नहीं इस समिति ने यह भी बताया कि चायना से बेतहाशा इम्पोर्ट करने की वजह से छोटे और मँझोले उद्योग में तालाबन्दी हो गई और इस वजह से बैंकों का एन पी ए भी बढ़ गया और बेतहाशा बेरोजगारी बढ़ी ।
विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी भाजपा चीनी एजेंट घोषित करेगी -भूपेन्द्र गुप्ता
किसी के खिलाफ जब एक उंगली उठाई जाती है तो तीन उंगलियां खुद की तरफ भी उठती हैं यह भारतीय जनता पार्टी हमेशा भूल जाती है। कमलनाथ सरकार को अनैतिक तरीके से गिराने का पाप भाजपा का पीछा कर रहा है। उससे मुक्ति के लिये वे कमलनाथ पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं, किंतु वे सफल नहीं होंगे।
कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और प्रभात झा सहित मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से सवाल किया है कि वह बताएं कि विदेश मंत्री एस जयशंकर का आब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन से क्या रिश्ता है? इस संस्था ने चीनी दूतावास से 2016 और 2017 में करोड़ों रुपए का अनुदान क्यों प्राप्त किया था? इस फाउंडेशन के यूएस इनीशिएटिव के डायरेक्टर ध्रुव जयशंकर हैं जो विदेश मंत्री एस जयशंकर के बेटे हैं। एस जयशंकर पूर्व में चीन के राजदूत रह चुके हैं और वे ओआरएफ के नियमित विजिटर हैं। वे इस संस्था में जाकर विदेश नीति के विषयों पर और विशेषकर चीन से संबंधों पर भाषण भी देते रहते हैं। गुप्ता ने आरोप लगाया है कि चीन के काउंसलेट जनरल के कलकत्ता स्थित कार्यालय से ध्रुव जयशंकर से संबंधित इस फाउंडेशन को 1.25 करोड़ के तीन अनुदान 2016 में प्राप्त हुए तथा 50 लाख रुपए का 2017 में। विदित हो कि 29 अप्रैल 16 को 7.7 लाख, 4 नवंबर को 11.55 लाख एवं 31 दिसंबर को 1.068 करोड का अनुदान दिया गया।इसी तरह काउंसलेट जनरल रिपब्लिक ऑफ चाइना से 1 दिसंबर 1917 को 50 लाख का डोनेशन इस संस्था को दिया गया है, जिसमें विदेश मंत्री नियमित रूप से आते जाते रहते हैं। इसी तरह विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन ने स्वयं अपनी वेबसाइट पर यह घोषणा की है कि चीन की 9 संस्थाओं से उन्होंने चंदा लिया है जिनसे वे विदेश नीति एवं रणनीतिक योजनाओं पर सोच साझा करते हैं, आश्चर्यजनक है कि इस संस्था के संस्थापक संचालक अजीत डोभाल हैं। यह जानकारी स्वयं संस्था ने अपनी वेबसाइट पर डाली है। भाजपा नेताओं को यह स्पष्ट करना चाहिए कि चीन से चंदा लेने के स्पष्ट प्रमाण होने के बाद वह विदेश मंत्री और अजीत डोभाल जी को किस कैटेगरी में रखते हैं ?
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